अरस्तु कौन था (arastu kaun tha) और अरस्तु का सिद्धांत के बारे में हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देने जा रहे है। लेकिन, जैसा की usefulgyan.com के पोस्ट की खासियत है हम आपको इसके अलावा अरस्तु का पूरा नाम, अरस्तु के गुरु कौन थे, और कैसे उन्होंने सिंकन्दर को अपना शिष्य बनाया के बारे में भी बताएंगें। तो आपको करना बस इतना है कि आप इस पोस्ट को पूरा ध्यान से जरूर पढ़ें। तो चलिए अरस्तु कौन थे इस बात को जानने के सफर ने निकलते है।
अरस्तु कौन था - arastu kaun tha
अरस्तु कौन था - अरस्तु प्राचीन यूनानी दार्शनिक व बहुश्रुत तथा दुनिया के बड़े विचारकों में से एक थे। उनका जन्म स्टेगेरिया नामक नगर में हुआ था और वे प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु थे। अरस्तु /अरिस्टॊटल (Aristotle) को यूनानी दर्शन और विज्ञान के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनके लेखन में प्राकृतिक विज्ञान, दर्शन, भाषाविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति, मनोविज्ञान, सौंदर्यशास्त्र और कला जैसे विषयों का एक विस्तृत परिक्षेत्र शामिल है।
arastu kaun tha |
अरस्तु का जन्म 384-322 ई. पू. में हुआ था। उनके पिता मकदूनिया के राजा के दरबार में शाही वैद्य थे। इस प्रकार अरस्तु के जीवन पर मकदूनिया के दरबार का काफी गहरा प्रभाव पड़ा था। उनके पिता की मौत उनके बचपन में ही हो गई थी। फिर उनके अभिभावकों ने उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए एथेंस भेज दिया।
अरस्तु अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहाँ बिता रहे थे। अरस्तु के विचार दूसरों से थोड़े अलग थे वे पढ़ने और तर्क के मामले में औरों से तेज थे इस लिए उनके गुरु प्लेटो की उनपर नजर पड़ी और अरस्तु अपने गुरु प्लेटो से और भी उन्नत ज्ञान प्राप्त करने लगे।
अरस्तु का सिद्धांत
अरस्तु ने अपने जीवन काल में कई सिद्धांतों को लोगों के सामने प्रकट किया और उनके बारे में कई पुस्तकें भी लिखीं अरस्तु द्वारा दिए कई सिद्धांतों में से कुछ के नाम हम आपको बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं - विरेचन का सिद्धान्त, न्याय सिद्धांत, साहित्य सिद्धांत, सद्गुण का सिद्धांत, राज्य की अवधारणा और सामाजिक विचार आदि।
अरस्तु और सिकंदर
सिकंदर के गुरु अरस्तु ही थे ये वही महान व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी शिक्षा से एक सिकंदर को महान नेतृत्वकर्ता और शासक बनाया। अरस्तु उस समय के महान दार्शनिक और शिक्षक थे इसी कारण उनकी ख्याति से मकदूनिया के राजा फिलिप भी प्रभावित थे। राजा फिलिप ने अरस्तु से अपने पुत्र को शिक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया जिसे अरस्तु ने स्वीकार किया। इस तरह अरस्तु , सिकंदर के गुरू बने और उन्हें कई विषयों का ज्ञान दिया।
अरस्तु की मृत्यु
एक प्रमुख प्राचीन यूनानी दार्शनिक, वैज्ञानिक, और शिक्षाविद अरस्तु, 62 वर्ष की उम्र तक जीए। सिकंदर की मृत्यु के बाद यूनान में बगावत होने लगी अब पहले जैसा कुछ भी नहीं था। अरस्तु पर भी कई आरोप लगाए जाने लगे और उन्हें ईस्वर विरोधी बताया गया। अरस्तु का जीवन संकट में आ गया था इस कारण वे एथेंस छोड़ एकांत में चले गए और वहीं 322 ई. पू. में उनकी मृत्यु हो गई।
FAQ,s
Q.- अरस्तु का जन्म कब हुआ?
Ans:- अरस्तु का जन्म 384 और मृत्यु 322 ई. पू. में हुई थी।
Q.- अरस्तु का पूरा नाम?
Ans:- अरस्तु का पूरा नाम अरिस्टॊटल (Aristotle) था।
Q.- अरस्तु किसके जनक है?
Ans:- अरस्तू को जीवविज्ञान, राजनीति विज्ञान का जनक भी कहा जाता है।
Q.- अरस्तु के गुरु कौन थे?
Ans:- प्लोटो अरस्तु के गुरु थे।