फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कौन थे?:- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmed Faiz) एक मशहूर पाकिस्तानी उर्दू शायर, साहित्यकार, और समाज-सुधारक थे। फ़ैज़ केवल पाकिस्तान के नहीं थे। जब वो पैदा हुए तो भारत और पाकिस्तान एक ही थे। उन्हें उर्दू और पंजाबी के उत्कृष्ट शायरों में माना जाता है और उनकी कविताओं में सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहनता से चर्चा की गई है।
वे उर्दू के बहुत ही जाने-माने कवि थे। आधुनिक उर्दू शायरी को उन्होंने एक नई ऊँचाई दी। इसी समय उर्दू के काव्य-गगन में साहिर लुधियानवी, कैफ़ी आज़मी, फ़िराक़ गोरखपुरी जैसे और भी सितारे चमक रहे थे। वे अंग्रेज़ी तथा अरबी में एम.ए. करने के बावजूद भी कवितायें उर्दू में ही लिखते थे।
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फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ कौन थे |
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जन्म 13 फरवरी 1911 में ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान में समाहित) के सिआलकोट (Sialkot) में हुआ था। उन्होंने अपनी कविताओं में आधुनिकता, आदमीकी, समाजिक न्याय, और स्वतंत्रता के मुद्दों पर लिखा। उनकी कविताओं में आम आदमी की दिनचर्या और समस्याओं का विवेक उत्कृष्ट रूप से प्रस्तुत है।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की प्रमुख कविताओं में "निशान-ए-हाय" (Nishan-e-Haider), "मुझसे पहले कुछ भी न आया था तू" (Mujhse Pehli Si Mohabbat), "बोल" (Bol), और "हम देखेंगे" (Hum Dekhenge) शामिल हैं, जो उनकी प्रसिद्धता के लिए जानी जाती हैं। फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने अपने काव्य और साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कार भी जीते, और वे पाकिस्तान के साहित्यिक विश्व में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं।
उनकी प्रमुख कविताएँ जैसे कि "हम देखेंगे" और "बोल" विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं और उन्होंने उर्दू साहित्य को एक नया दिशा देने में मदद की। फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 20 नवंबर 1984 को कराची, पाकिस्तान में निधन हुआ लेकिन उनकी कविताएँ और ग़ज़लें आज भी पढ़ी जाती हैं और उनका काव्य साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।