NCC ki sthapna kab hui (एनसीसी की स्थापना कब हुई):- NCC की कहानी बहुत ही पुरानी है। इसका जन्म अंग्रेजी काल में हुआ था। यह मुख्य सेना को सपोट प्रदान करने के उद्देश्य से निर्मित हुआ था। लेकिन आज NCC किसी पहचान का मोहताज नहीं है। एनसीसी का उद्देश्य स्कूली छात्रों को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इसका गठन युवाओं में सेना के प्रति जागरूकता लाने और उन्हें सैन्य स्तर पर तैयार करने के लिए किया गया था। NCC की स्थापना को पूरे 75 साल हो चुके है। तो चलिए इस मौके पर हम NCC की स्थापना कब और क्यों हुई जानते है।
NCC ki sthapna kab hui - एनसीसी की स्थापना कब हुई
15 जुलाई 1948 को एनसीसी की स्थापना हुई। वर्त्तमान में इसका मुख्याल नई दिल्ली में स्थित है। NCC के पहले इसके जैसा ही एक पर संगठन UOTC यानी यूनिवर्सिटी ऑफ ऑफिसर्स ट्रेनिंग कोर का निर्माण हो चुका था, जिसे अंग्रेजी सरकार ने 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शुरू किया था। NCC को इस UOTC का अलटर्नेटिव रूप माना गया।
NCC ki sthapna kab hui |
आजादी के बाद यूओटीसी की जगह एनसीसी का गठन किया गया, जिसके तहत युवाओं को शांति काल के दौरान भी बेहतर तरीके से ट्रेनिंग मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया था। इसी उद्देश्य को देखते हुए एक कमेटी बनाई गई जिसके मुखिया पंडित एचएन कुंजरु बने।
इस कमेटी की तरफ से ही स्कूल और कॉलेज के लेवल पर एक कैडेट संगठन सलाह दी गई थी। इसके बाद 15 जुलाई 1948 को नेशनल कैडेट कोर एक्ट को गवर्नर जनरल ने स्वीकार किया. जिसके बाद एनसीसी पूर्ण रूप से अस्तित्व में आया।
NCC ka full form - NCC का फुल फॉर्म
NCC full form नेशनल कैडेट कोर हैं। इसका अर्थ होता है भारत के वह प्रारंभिक प्रशिक्षु सैनिक जो आगे चलकर भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में अपनी सेवाएं प्रस्तावित करेंगे।
आमतौर पर भारत में इसकी शुरुआत स्कूली स्तर पर ही की जाती हैं और इसमें विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट के द्वारा किसी भी छात्र की योग्यता का आकलन किया जाता है,
अर्थात कि इसमें विभिन्न प्रकार के अभ्यास और परीक्षाओं के आधार पर छात्र और छात्राओं को विभिन्न विभिन्न प्रकार के प्रशस्ति पत्र दिए जाते हैं।
एनसीसी की स्थापना किसने की
एनसीसी की स्थापना 1948 में हृदय नाथ कंजरू (H.N. Kunzru) द्वारा की गई थी हालांकि इससे पूर्व भी 1942 में अंग्रेजों द्वारा इसकी स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान कर दी गई थी।
लेकिन वह इस नाम से नहीं जानी जाती थी और उसका उद्देश्य भी एनसीसी से अलग था क्योंकि उसकी स्थापना केवल द्वितीय विश्व युद्ध के लिए ही की गई थी।
और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उसका कोई अस्तित्व नहीं रहने वाला था और ऐसा ही हुआ अंग्रेजों द्वारा उसे बाद में समाप्त कर दिया गया।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जब इसे समाप्त कर दिया गया तो 1948 में गवर्नर जनरल द्वारा नेशनल कैडेट कोर एक्ट को स्वीकार कर लिया गया और इस प्रकार से आज की वर्तमान एनसीसी हमारे अस्तित्व में आई।
एनसीसी (NCC) का कोर्स कितने साल का होता है
जैसा कि हम जानते हैं आमतौर पर एनसीसी के कोर्स को स्कूली स्तर पर ही संचालित कर दिया जाता है और उसके बाद यह उस छात्र पर निर्भर करता है कि वह इसे आगे कितने समय तक संचालित करता रहता है।
इसमें विभिन्न विभिन्न समय पर विभिन्न विभिन्न प्रकार की प्रशस्ति पत्र और पदको द्वारा छात्रों को सम्मानित किया जाता है जिससे कि उनकी गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्कूली स्तर पर इसकी शुरुआत कक्षा नौ से ही हो जाती हैं जो कि ग्रेजुएशन तक चलती रहती हैं, अतः इस प्रकार से एनसीसी की अवधि 5 साल की होती हैं और इसमें विभिन्न प्रकार के प्रशस्ति पत्र और सर्टिफिकेट भी दिए जाते हैं, जैसे
A सर्टिफिकेट
B सर्टिफिकेट
C सर्टिफिकेट
इस प्रकार से इन 5 सालों में एक विद्यार्थी को इतना प्रशिक्षित कर दिया जाता है कि वह भारतीय सेना में जाने के लायक तक हो जाता है। और साथ ही जो इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि एनसीसी करने के लिए किसी भी छात्र को किसी भी प्रकार की फीस का भुगतान नहीं करना होता है।
यह पूर्णता फ्री होती हैं और साथ ही स्कूल के प्रबंधन द्वारा भी आवश्यक हैं कि वह समय-समय पर एनसीसी से संबंधित सभी प्रकार की गतिविधियों को अपने विद्यालय स्तर से लेकर संभाग स्तर तक आयोजित करवाए और इससे संबंधित सभी प्रकार की सूचनाओं को विद्यार्थियों तक प्रसारित भी करें।
NCC Certificate के फायदे जानें
अगर, इतनी सारी जानकारी सुनने के बाद अगर आप का भी मन कर रहा है कि मैं भी एनसीसी जॉइन करूं या अपने बच्चों को ज्वाइन करवा हूं तो इसके आगे आने वाले भविष्य में क्या-क्या फायदे होंगे तो अब हम जाने वाले हैं
एनसीसी को करने के मुख्यता क्या फायदे रहते हैं।
1) जैसा कि हम पहले ही जान चुके हैं इसको करने के बाद आपको विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट और पदको द्वारा सम्मानित किया जाता है,
जिसके आधार पर आपको कई सारे विभागों में कई प्रकार की छूट मिलती हैं, जैसे कि पुलिस विभाग या भारतीय सेना या भारतीय वायु सेना या भारतीय नौसेना इत्यादि।
आपको इन प्रशस्ति पत्रों के आधार पर अंकों में भी छूट दी जाती है और साथ ही अंतिम वरीयता सूची में यदि आपके पास इस प्रकार के प्रशस्ति पत्र हैं तो आपको अन्य छात्रों की तुलना में ज्यादा वरीयता दी जाती हैं और आपके चयनित होने के आसार भी काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं।
2) एनसीसी के अभ्यास में आपको विभिन्न प्रकार की सामान्य शिक्षा दी जाती हैं जो कि भारतीय सेना से संबंधित होती है । और आप को आगे आने वाले समय में अगर आप भारतीय सेना को अपने भविष्य के रूप में देखते हैं तो वहां पर यह आपके लिए लाभकारी सिद्ध होती है।
क्योंकि आपको इस एनसीसी की पूरी ट्रेनिंग में वे सभी सामान्य बातें पहले ही सिखा दी जाती है, जो आपको भारतीय सेना को ज्वाइन करने के बाद सबसे पहले सिखाई जाएंगी अर्थात की यह 5 साल की ट्रेनिंग करने के बाद आप लगभग एक आधे सैनिक की तरह तैयार हो जाते है ।
3) अगर आप एनसीसी की ट्रेनिंग को ज्वाइन करते हैं तो यहां पर आपको विभिन्न प्रकार के एडवेंचर से संबंधित गतिविधियां भी कराई जाती है।
जैसे कि नौकायान और पैराग्लाइडिंग साथ ही आपको अन्य प्रकार की डिजास्टर मैनेजमेंट और फर्स्ट एड जैसी कई सारी चीजों के बारे में जानकारी दी जाती है, जो आपके लिए आपातकालीन समय में बहुत ज्यादा काम आती है।
4) एनसीसी को ज्वाइन करने का चौथा फायदा यह है कि आपको यह ट्रेनिंग पूर्णता आत्मविश्वास से भर देती है।
और आपके कुशल नेतृत्व को बढ़ावा देती हैं। एनसीसी को ट्रेनिंग करने के बाद आप एक कुशल नेतृत्वकर्ता भी बन जाते है।
जो कि भारतीय सेना में जाने के लिए सबसे आवश्यक तत्व हैं अर्थात की आपको यह आना चाहिए कि आप अपनी संपूर्ण सेना की टुकड़ी को किस प्रकार से नेतृत्व प्रदान कर आएंगे।
5) एनसीसी की ट्रेनिंग करने के कई शैक्षणिक फायदे भी हैं, इनमे से जो सबसे बड़ा फायदा है, वह यह है कि यदि आपको अपने किसी मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेना है, तो कई बार वहां पर एनसीसी के छात्रों के लिए विशेष प्रकार की सीटें आरक्षित होती है।
और उन सीटों पर केवल एनसीसी के ही विद्यार्थी फॉर्म भर सकते हैं जिनके पास एनसीसी के विभिन्न प्रकार के प्रशस्ति पत्र उपलब्ध है।
6) एनसीसी के प्रशस्ति पत्र के आधार पर विद्यार्थियों को कई बार स्कूल अटेंडेंस या फिर कॉलेज अटेंडेंस में भी कई प्रकार की रियायत प्रदान की जाती है।
7) एनसीसी प्रशस्ति पत्र का जो सबसे बड़ा फायदा होता है, वह भारत सरकार की सरकारी नौकरियों या फिर किसी राज्य सरकार की सरकारी नौकरियों में होता है,
जहां आपको एनसीसी के विभिन्न प्रशस्ति पत्र के हिसाब से अन्य अंक प्रदान किए जाते हैं जो कि आपको अन्य छात्रों से कई गुना आगे ले जाते है।
उदाहरण के तौर पर यदि आप दिल्ली पुलिस कांस्टेबल में भर्ती होना चाहते हैं और यदि आपके पास एनसीसी का C सर्टिफिकेट है तो आपको अंतिम वरीयता सूची में 5 नंबर दिए जाएंगे।
8) अगर आप अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा के बाद किसी भी प्रकार के विशेष कोर्स के लिए कोई संस्थान में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो आप को विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति भी प्रदान इन्हीं प्रशस्ति पत्रों के आधार पर की जाती है।
9) हर साल एनसीसी द्वारा एक राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसमें की विभिन्न राज्यों के छात्र और छात्राएं भाग लेते है।
इससे हमें अन्य प्रकार की संस्कृतियों और भाषाओं को जानने का मौका भी मिलता है, जो कि इसका एक अन्य ही फायदा है।
10) इसके अलावा जो एनसीसी ट्रेनिंग करने का सबसे बड़ा फायदा हमें अपने जीवन में मिलता है, वह है अनुशासन और एकता के साथ कार्य करना।
इस संपूर्ण एनसीसी की 5 सालों की ट्रेनिंग में हमें यह तक सिखा दिया जाता है कि अपने साथी को अपने साथ हमें किस प्रकार से आगे लेकर चलना है और अपनी संपूर्ण सैन्य टुकड़ी को हमें किस प्रकार से अनुशासन में रखना है।
एनसीसी (NCC) में कितनी सैलरी मिलती है
अगर आप एनसीसी को एक सरकारी नौकरी की तरह देख रहे हैं, जो कि भारतीय सेना के द्वारा कराई जाती हैं तो यह पूर्णता गलत है अर्थात की इसमें किसी भी प्रकार की सैलरी नहीं दी जाती है।
परंतु इसमें कुछ आधारों पर स्टाइपेंड जरूर दी जाती हैं जो कि मासिक आधार पर उपलब्ध होती हैं। स्टाइपेंड भी छात्रों को इसलिए दी जाती है ताकि वह अपने एनसीसी से संबंधित वस्तुओं को खरीद पाए और अन्य उन सभी वस्तुओं को भी खरीद पाए जो कि एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान बेहद जरूरी होती है।
जैसा कि हम जानते हैं कि एनसीसी एक 5 सालों में होने वाले भारतीय सेना से संबंधित ट्रेनिंग है जो कि आने वाले युवाओं को भारतीय सेना के विभिन्न अंगों में जाने के लिए तैयार करती हैं।
एन. सी. सी. के नियम क्या है?
एनसीसी में जो मुख्य रूप से एक छात्र या छात्रा को जो नियम अपनाने पड़ते हैं या जिनका पालन करना पड़ता है, वह निम्नलिखित हैं।
- हमारे द्वारा हर आज्ञा का पालन हमेशा एक मुस्कान के साथ किया जाना चाहिए और उसे करते समय हमें किसी प्रकार की अनिच्छा नहीं प्रकट होनी चाहिए।
- हमारे द्वारा हर कार्य को समय पर किया जाना चाहिए।
- हमारे द्वारा हर कार्य को बेहद परिश्रम के साथ और बिना किसी समस्या के द्वारा किया जाना चाहिए।
- हमें कभी हमारे जीवन में झूठ नहीं बोलना चाहिए और सदैव भी सदाचार का पालन करना चाहिए।
- हमें अपने जीवन में अकर्मण्यता को नहीं अपनाना चाहिए और सदैव हर कार्य के लिए आगे बढ़ कर छत पर रहना चाहिए।
एनसीसी का आदर्श वाक्य क्या है
जैसा कि आप जानते हैं कि हर किसी संस्थान का अपना एक आदर्श वाक्य होता है, जो कि उसके कार्मिकों को उत्साहित करता है और अपने कार्यों के प्रति कर्मठ बनाता है।
एनसीसी का आदर्श वाक्य है वह है ‘एकता और अनुशासन’
इस आदर्श वाक्य के द्वारा हम एनसीसी की स्थापना के संपूर्ण उद्देश्य को समझ सकते हैं, कि एनसीसी की स्थापना भारत में किस लिए की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य क्या है।
तो जो इसका मुख्य उद्देश्य है, वह है भारतीय छात्रों को अपने स्कूल स्तर से ही सामान्य सैनिक शिक्षा प्रदान करना जोकि उन्हें आगे आने वाले समय में एक पूर्णता प्रशिक्षित सैनिक बना सके।
एन सी सी दिवस कब मनाया जाता है
16 अप्रैल 1948 को NCC की स्थापना हुई थी और जैसा की सभी को पता है कि हर एक संस्था या संगठन का स्थापना दिवस मनाया जाता है। हालांकि NCC की भारत का एक मुख्य संगठन है तो इसका स्थापना दिवस भी हम सभी भारतीय उल्लास के साथ मानते है। NCC दिवस हर सात नवंबर महीने के आखिरी रविवार को मनाया जाता है।
भारत मे एनसीसी (NCC) का मुख्यालय
अगर बात की जाए भारत में एनसीसी के मुख्यालय की तो यह भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है। जैसा कि हम जानते हैं कि भारतीय सेना के अधिकतर अंगों का मुख्यालय भी यहीं पर स्थित हैं।
निकर्ष
आज के इस लेख में हमने एनसीसी (NCC) की स्थापना कब हुई किसने की के बारे में वह सभी जानकारियां एकत्रित की है और उनको जाना है जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
जैसे कि NCC ki sthapna kab hui, NCC के फायदे, नौकरी, सेलरी जैसे सभी महत्वपूर्ण सवालों का जवाब हमने इस लेख में विस्तार में प्रदान किया है, जिसका आप को वर्तमान तथा भविष्य में जरूर फायदा होगा।
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