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कुषाण वंश का संस्थापक था यह शक्तिशाली इंसान | kushan vansh ka sansthapak

कुषाण वंश का संस्थापक कौन था - दोस्तों हम आपको आज कुषाण वंश के संथापक के बारे में बताएँगे अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगती है तो आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करें। और यदि आप जानना चाहते है की हड़प्पा सभ्यता कैसे नष्ट हुई तो यह पोस्ट पढ़ें। हड़प्पा सभ्यता का पतन

कुषाण वंश का संस्थापक 

कुषाण वंश की स्थापना कुजुल कडफिसेस ने की थी परन्तु विंमकेडफिसेस को कुषाण वंश का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है| क्योंकि कुजुल कडफिसेस ने कुषाण वंश की नींव रखी लेकिन विंमकेडफिसेस ने इस वंश को मजबूत कर इसे नई उचाईयों में ले गया।

kushan vansh ka sansthapak
 kushan vansh ka sansthapak


कुषाण वंश प्राचीन भारतीय राजवंशों में से एक था। कनिष्क कुषाण वंश का सबसे महान पर प्रशिद्ध शासक था और वासुदेव प्रथम इस वंस का अंतिम महान शासक रहा। इसके बाद इस वंश में कोई खास शासक नहीं हुआ जो इस वंश की बागडोर अपने मजबूत हाथों में ले सके।

कानिष्क (Kanishka)

राजा कानिष्क (Kanishka) कुषाण वंश के एक प्रमुख राजा थे और उनका शासन काल लगभग 2 सदी ईसा पूर्व (सन् 78 से 144 ईसा पूर्व) के बीच माना जाता है। कानिष्क कुषाण साम्राज्य के तीसरे महाराजा थे और उन्होंने इसे एक महत्वपूर्ण और सुशासित साम्राज्य में बदल दिया।

कानिष्क के शासनकाल के दौरान, उन्होंने अपने साम्राज्य की सीमाएँ विस्तारित की और विभिन्न भूभागों को अपने अधीन किया। उन्होंने कुषाण संस्कृति को प्रमोट किया और अपने शासनकाल के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। वे बौद्ध और शैलीक धर्मों के प्रमोटर भी थे, और उन्होंने गौतम बुद्ध के धर्म के प्राचीन ग्रंथों का पुनरागमन किया और महत्वपूर्ण बौद्ध धर्मिक सभाओं को आयोजित किया।

कानिष्क के शासनकाल के दौरान गुप्त वंश के बाद भारत में एक महत्वपूर्ण साम्राज्य था और उनके योगदान के बाद भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण चरण आया। वे एक प्रमुख राजा और संस्कृति के प्रमोटर के रूप में याद किए जाते हैं।

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कुषाण वंश के बारे में कुछ मुख्य बातें।

* कुषाण वंश को एक अलग नाम यूची या टोखरी वंश के नाम से भी जाना जाता है |

* इस वंश का सबसे प्रतापी शासक कनिष्क था |

* कनिष्क को द्वतीय अशोक भी कहा जाता है |

* इसकी राजधानी पुरुषपुर पेशावर तथा द्वतीय राजधानी मथुरा थी|

* कनिष्क ने कश्मीर में कनिष्कपुर की स्थापना की थी |

* कनिष्क बौद्ध धर्म का अनुयाई था तथा बोध धरम का प्रवल संरक्षक मन जाता है |

* कनिष्क 78 ई. में राजगद्दी पर बैठा राज्य रोहन के कारण 78 ई. में शक सम्वत चलाया|

* इसके शासन काल में वसुमित्र, अश्वघोष, नागार्जुन, सगरक जैसे महान विद्वान हुआ करते थे |

* कनिष्क के शासन काल में मूर्ति निर्माण की मगध और मथुरा शैली का निर्माण हुआ |

* कनिष्क के शासन काल में चीन से रोम जाने वाले रेशम मार्ग का नियंत्रण किया गया |

* कनिष्क ने सबसे शुद्ध सोने के सिक्को को चलाया |

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कुषाण वंश से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब FAQ,s

Q.-  कुषाण वंश का प्रथम शासक कौन है?
Ans:- कुषाण वंश की स्थापना कुजुल कडफिसेस ने की थी और यदि इस वंश का प्रथम शासक हुआ।

Q.-  कुषाण वंश के शासक कौन कौन थे?
Ans:- कुषाण वंश की स्थापना कुजुल कडफिसेस ने की थी लेकिन कुषाण वंश के शासक में सबसे प्रशिद्ध कनिष्क हुए, वासुदेव प्रथम इस वंश के अंतिम शासक हुए तथा विंमकेडफिसेस को कुषाण वंश को पूर्ण रूप से स्थापित करने का श्रेय जाता है।

Q.-  कुषाण वंश का सबसे महान राजा कौन था?
Ans:- कनिष्क कुषाण वंश का सबसे प्रतापी और प्रशिद्ध शासक था। जिसे दूसरा अशोक के नाम से भी पुकारा जाता है। इसके शासन काल में वसुमित्र, अश्वघोष, नागार्जुन, सगरक जैसे महान विद्वान हुआ करते थे |

Q.-  कुषाण वंश का अंतिम सम्राट कौन था?
Ans:- वासुदेव प्रथम कुषाण वंश का अंतिम महान सम्राट हुआ। इसके बाद इस वंश में कोई खास शासक नहीं हुआ जो इस वंश की बागडोर अपने मजबूत हाथों में ले सके।

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दोस्तों आपको हमारी यह जानकारी कुषाण वंश का संस्थापक कौन था कैसी लगी, आशा करते हैं की आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई होगी| आप इसे अपने दोस्तों को भी शेयर कीजिये आगे हम आपको इतिहास की और भी रोचक जानकरी देंगे |