अच्छा बोलने की कला - बहुत से लोगों के साथ ऐसा होता है की वे अपनी बात को सही ढंग से लोगों के साथ शेयर नहीं कर पाते है जबकि उन्हें उस बारे में काफी जानकरी भी होती है जिस बारे में वो लोगों को बताना चाहते है। क्या आप के साथ बी ऐसा होता है? क्या आप भी अपनी बात अच्छे से व्यक्त नहीं कर पाते है।
तो आप भी जानना चाहते होंगे की आखिर ऐसा क्यों होता है। तो हम आपको इसका जवाब देते है। क्योंकि बहुत सी बातों की जानकारी होने के बावजूद भी आपको मालूम नहीं होता कि अपनी बात को कैसे प्रभावी ढंग से रखा जाए।
Achchha Bolne Ki Kala
सही और प्रभावी बोलना भी एक कला है।
अच्छा बोलने की कला और कामयाबी का सीधा संबंध माना गया है। अच्छा बोलने की कला का न होना आपके जरूरी कार्यों को तो प्रभावित करता ही है इसके अलावा अपनी बात सामने वाले व्यक्ति को न समझा पाने की वजह से वे नाराज (कुंठित) भी हो जाते हैं।
Achchha Bolne Ki Kala |
वहीं, दूसरी तरफ वे लोग जो अपनी बात को आसानी से रखने में कामयाब होते हैं यानी अच्छा बोलने की कला में माहिर होते हैं। ऐसे लोग जानते होते हैं कि अपनी बात की अहमियत दूसरे को कैसे समझानी है।
हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि हमारी बात कितनी भी अहम क्यों न हो पर जब तक हम खुद उसे उसी तरह प्रभावी तरीके से बताएंगे नहीं तब तक दूसरों की नज़रों में उस बात का कोई मूल्य नहीं होगा। (याद रखिए जो बात आपसे जुडी है वह केवल आपको महत्वपूर्ण लगेगी ना की दूसरों को )
इसलिए ये ज़रूरी है कि जब कभी आपको अपने बॉस से किसी कार्य हेतु छुट्टी लेनी हो या अपने सहकर्मी से किसी कार्य के लिए अनुरोध करना हो, उस कार्य की गंभीरता उन्हें पूरे विश्वास से समझाने की कोशिश करें। पर ऐसा करते वक़्त हमारा बिहेवियर पूरी तरह प्रोफेशनल, किंतु विनम्र होना चाहिए।
इसी के साथ अगर आपको लगता है कि आप और जिम्मेदारी उठाने के लायक हैं तो ऐसी स्थिति में आपको सकारात्मक लहज़े में ही अपने बॉस से बात करनी चाहिए। जैसे जब प्रमोशन की बात करनी हो तो अपने बॉस से आप ये कह सकते हैं कि मैं अपने कार्य को बहुत पसंद करता हूँ और साथ ही मैं चुनौतियों से भी निपटने में सक्षम हूँ, इसलिए आशा करता हूँ कि आप मुझे अमुक ज़िम्मेदारी के योग्य मानेंगे।
ये भी हर बार ज़रूरी नहीं कि आप अपने बॉस के सामने जो भी मांग रखने जा रहें हैं या सहकर्मी से किसी कार्य के लिए अनुरोध करने जा रहे हैं उसके लिए वे तैयार हो ही जाएं। आपको ऐसी स्थिति में याद रखना चाहिए कि किसी भी बात के लिए आपको ‘हाँ’ या ‘ना’ सुनना पड़ सकता है इसलिए पहले से ही ज़्यादा उम्मीदें न पालकर किसी भी संभावना के प्रति सचेत रहने से इसके दूरगामी लाभ मिल सकते हैं।
वहीं, अगर आप बिना किसी प्रतिरोध किए ‘ना’ सुनने की ताकत रखते हैं तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि आगे आपकी बात को न केवल सुना जाएगा बल्कि गंभीरता से भी लिया जाएगा।
बात तबतक प्रभावी नहीं हो सकती जबतक कि उसे बॉडी लेंग्वेज हैल्प न करे। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि आपका शारीरिक हाव-भाव भी आप जो कहना चाह रहें हों उन बातों के अनुरूप ही हो। इसके साथ ही शब्दों का सही उच्चारण, आवाज़ की तीव्रता किन शब्दों पर बढ़ानी है और किन पर नहीं, इन बातों का भी ख्याल रखने की ज़रुरत है।
आपके ऑफिस-कॉलेज का पब्लिक प्रेजेंटेशन हो या फिर वन-टू-वन टॉक, आई कांटेक्ट बनाकर बात करने से भी आत्मविश्वास आता है व सामने वाले व्यक्ति पर इसका गहरा असर पड़ता है। वहीं, यदि आपने अपनी अच्छा बोलने की कला को विकसित कर लिया तो आपको अपने सभी कार्य बहुत ही सहज लगने लग जाएंगे। फिर आप आसानी से अपनी सभी समस्याओं और चुनौतियों का सामना करते हुए तेज़ी से आगे बढ़ सकेंगे।
अब आप समझ ही गए होंगे कि अच्छा बोलने की कला और कामयाबी का कितना गहरा नाता है।
आपको एक बात समझनी होगी के आप एक विद्यार्थी हो या एक शिक्षक, प्रोफेशनल हों या फिर कोई व्यापारी अच्छा बोलने की कला सभी के लिए है जरूरी, आपमें अच्छा बोलने की कला का होना आपको सफलता की ओर एक कदम ज्यादा ले जाती है।
इसलिए आप इन सभी में से कोई भी हो और अच्छा बोलने की कला सीखना चाहते है तो नीचे दिख रही किताब को जरूर खरीदें। इस किताब को पढ़कर आप काम समय में और सरलता से प्रखर वक्त बन सकते है।
यह किताब प्रशिद्ध लेखक डेल कार्नेगी साहब द्वारा लिखी किताब में से सबसे प्रशिद्ध और दुनिया भर में सबसे ज्यादा पढ़ी और खरीदी गई किताबों में से एक है इस किताब ने दुनिया जहान के लाखों लोगों का जीवन बदला है अब आपकी बारी है। यह किताब यहाँ से खरीदें
मुझे उम्मीद है आपको यह जानकरी अच्छा बोलने की कला और कामयाबी पसंद आई होगी। और यह किताब आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी आपको मेरी शुभ कामनाएं। इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें। धन्यवाद !