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Accountant कैसे बने? | Accountant kaise bane in hindi

Accountant kaise bane in hindi, Accountant kaise bane, अकाउंटेंट का मतलब क्या होता है, इसके लिए आवश्यक पात्रताए एवं परीक्षा, इसकी चयन प्रक्रिया क्या है, अकाउंटेंट बनने के लिए कैसे करे आवेदन? इन सभी बातों को हम बताने वाले है। तो यदि आप भी अकाउंटेंट कैसे बने के बारे में संपूर्ण जानकारी पाना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। आपको फायदा ही होगा। 


Accountant kaise bane in hindi निजी और सार्वजनिक दोनो ही क्षेत्रो मे विभिन्न व्यवहारो से संबंधित बातो का हिसाब रखना अनिवार्य होता है, जिसमे वित्तीय लेन देन की जानकारी सहेज कर रखना, बिलिंग तैयार करना और भेजना,वित्त से संबंधित हिसाब की जाँच पड़ताल रखना, विभिन्न टैक्स से संबंधित दस्तावेज को संभालकर रखना तथा इन्हे समय पर भरने से संबंधित प्रक्रिया मे सहायता करना आदि बाते शामिल होती है। मुख्यतः ये सभी कार्य अकाउंट विभाग के अंतर्गत आते है जहाँ पर कार्य करने वाले व्यक्ति को ‘अकाउंटेंट(Accountant)’ कहा जाता है।


Accountant kaise bane
 Accountant kaise bane


मुख्य रूप से वाणिज्य शिक्षा धारा से उत्तीर्ण छात्रो का अधिकतर बार झुकाव ‘अकाउंटेंट’ के रूप मे करियर बनाने के तरफ होता है अगर आप भी अकाउंटेंट के तौर पर करियर बनाना चाहते है, और सही जानकारी प्राप्त करने की इच्छा रखते है तो इस लेख द्वारा दी जानेवाली जानकारी आपके लिये काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। यहाँ हम आपको अकाउंटेंट के लिये आवश्यक परीक्षाए, उपलब्ध शिक्षाक्रम, आवश्यक पात्रताए तथा ऐसे व्यक्तियो को दिये जानेवाली सैलरी इत्यादि अहम पह्लुओ के बारे मे विस्तार से बतायेंगे।



अकाउंटेंट का अर्थ क्या होता है?

आम तौर पर आप मे से अधिकतर लोगो ने अकाउंटेंट पद के बारे मे सुना होगा जिसका सही से अर्थ जानने की आपको इच्छा भी रहती होगी, यहाँ हम आपको बता दे के ‘अकाउंटेंट’ का हिंदी मे अनुवाद “लेखपाल/मुनीम” होता है।


किसी भी निजी संस्था, व्यावसायिक क्षेत्र की कंपनीया, कारखानो आदि मे विभिन्न वित्तीय व्यवहारो का हिसाब किताब रखना बहुत ही अहम और जिम्मेदारी पूर्ण कार्य होता है।


इसके साथ टैक्स के कागजात, रसीद इत्यादी को संभालकर रखना, बिलिंग तैयार करके भेजना या स्वीकार करना, हिसाब किताब की जाँच पड़ताल करना, सैलरी शिट बनवाना, विभिन्न काम करनेवाले लोगो की हाजरी तथा गैर हाजरी इत्यादी का रेकॉर्ड रखने का कार्य एक अकाउंटें पेशा व्यक्ती करता है।


इस तरह के अकाउंटेंट पेशा व्यक्ती आपको सार्वजनिक क्षेत्र मे भी दिखाई देंगे जहा पर संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के कंपनियो, संस्थाओ तथा विभागो मे उपरोक्त बताये गये कार्य करते हुये ये लोग नजर आते है।


अकाउंटेंट के मुख्य प्रकार – Types of Accountant

यहाँ आपका परिचय करायेंगे अकाउंटेंट के मुख्य प्रकारो से जिसमे शामिल है –

फाइनेंशियल अकाउंटेंट (Financial Accountant)

कॉस्ट अकाउंटेंट (Cost Accountant)

मैनेजमेंट अकाउंटेंट (Management Accountant)

आपको बता दे के उपरोक्त तीन प्रमुख प्रकार के अकाउंटेंट होते है जिनके द्वारा अकौन्टन्सी विभाग मे अधिकतर कार्य किये जाते है। इन पदो के लिये आवश्यक शिक्षा और अन्य बातो से संबंधी पात्रता की जानकारी आगे आपको दी जायेगी।


कैसे बने फाइनेंशियल अकाउंटेंट? जानिये इस हेतू आवश्यक पात्रताए – How to become a Financial Accountant

निम्नलिखित तौर पर आपको फाइनेंशियल अकाउंटेंट के बारे मे आवश्यक बातो की जानकारी दी गई है, जो के इस प्रकार से है –


इच्छुक छात्र ने वाणिज्य शिक्षा धारा मे न्यूनतम स्नातक/बैचलर डिग्री को अकाउंटिंग विषय के साथ उत्तीर्ण किया होना चाहिये।

इस तरह कि शिक्षा प्राप्त व्यक्तियो को शुरुवात मे बुक कीपिंग असिस्टंट या फिर जुनियर अकाउंटेंट के तौर पर शुरुवात मे कार्य करना होता है, जिससे उन्हे आवश्यक कार्य अनुभव प्राप्त हो सके।

आपको बता दे जो भी व्यक्ती फाइनेंशियल अकाउंटेंट के रूप मे करियर बनाना चाहते है उन सभी ने टैली कोर्स को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण करना काफी लाभदायक सिद्ध होता है जिसमे आजकल एडवांस्ड टैली, टैली विथ जी.एस.टी इत्यादि कोर्स मौजूद है। टैली के साथ अकाउंटिंग से संबंधित अन्य शिक्षाक्रम तथा सॉफ्टवेयर को सिखना भी यहाँ पर फायदेमंद साबित होता है।

अगर आप ऐसे शिक्षा संस्था से जुडते है जहाँ आपको ऑडीटिंग, इ-पेयमेंट, टी.डी.एस, कंप्यूटर के माध्यम से अकाउंटिंग, शेयर मार्केट, जी.एस.टी आदि से संबंधित शिक्षा प्रदान हो जाये, तो यकीन माने आपको फाइनेंशियल अकाउंटेंट बनने हेतू ये सभी बाते मिल का पत्थर साबित हो जायेगी।

अंत मे कुछ जरुरी कौशल आपमे होना आवश्यक होता है जिसमे आंकलन क्षमता, प्रश्न का हल खोजने की इच्छाशक्ती, गणित मे रुची, तकनिकी के मदद से अकाउंटिंग करने की सक्षमता आदि प्रमुख बाते शामिल है।


कॉस्ट अकाउंटेंट बनने हेतू आवश्यक पात्रताए और प्रक्रिया – How to become a Cost Accountant

यहाँ हम आपको कॉस्ट अकाउंटेंट बनने के लिये आवश्यक पात्रताओ के साथ इस इसके प्रक्रिया को संक्षेप मे बतायेंगे जिसमे निम्नलिखित बाते शामिल होती है जैसे के –


कॉस्ट अकाउंटेंट के तौर पर भविष्य मे आपको करियर बनाना है तो इसके लिये ‘कॉस्ट एंड अकौन्टन्सी’ कोर्स को पुरा करना आवश्यक होता है जो के भारतीय कॉस्ट एंड अकौंट्स संस्था के अंतर्गत आता है।

‘कॉस्ट एंड अकौन्टन्सी’ कोर्स को तीन चरणो मे पुरा करना होता है जिसके पहले चरण मे प्रवेश हेतू न्यूनतम कक्षा १२ वी को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है। यहाँ पर पहले चरण का अवधी ८ महिने का होता है, जिसके लिये आवेदन करते समय इच्छुक छात्र की न्यूनतम आयु १७ साल होना आवश्यक होता है।

यहाँ पर दुसरे चरण को इंटरमीडिएट कहाँ जाता है, जिसके लिये इच्छुक छात्र ने न्यूनतम स्नातक शिक्षा को उत्तीर्ण किया होना चाहिये साथ ही ऐसे उम्मिद्वार की न्यूनतम आयु १८ साल से अधिक होनी चाहिये, इस चरण के शिक्षाक्रम का कुल अवधी १० महिने का होता है।

जिन सभी छात्रो ने कुल ८ पेपर को उत्तीर्ण किया हुआ रहता है उन्हे अंतिम चरण के लिये पात्र समझा जाता है। इस तरह संपूर्ण कोर्स का अवधी १८ महिने का निर्धारित किया गया है, जिसमे सभी उत्तीर्ण छात्रो को ‘कॉस्ट एंड अकौन्टन्सी’ हेतू प्रमाणित किया जाता है।

लगभग ४१,००० हजार रुपये के शिक्षा शुल्क मे इस कोर्स को आप पुरा कर सकते है, जिसमे अधिकतर बार असफल होना मतलब निर्धारित शिक्षा अवधी मे बढोतरी होना होता है।

रोजगार के दृष्टी से इस कोर्स को एक उमदा विकल्प माना जाता है, जिसमे प्रमाणित होने के बाद आप कॉस्ट कंट्रोलर, चीफ ऑडीटर, चीफ इंटरनल ऑडीटर इत्यादी अकाउंट विभागो से जुडे प्रतिष्टित पदो पर कार्य कर सकते है। इस कोर्स से उत्तीर्ण हुये व्यक्तियो को निजी और सार्वजनिक क्षेत्र मे रोजगार संबंधी बेहतरीन विकल्प मिल जाते है, जिसमे भारत सरकार का कैग(CAG – कंट्रोलर एंड ऑडीट जनरल) विभाग भी शामिल है।


मैनजेमेंट अकाउंटेंट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी – About Management Accountant

अधिकतर लोगो को विभिन्न व्यवसाय से जुडे राष्ट्रीय और आंतरराष्ट्रीय कंपनीयो मे अकाउंट विभाग मे कार्य करने की इच्छा होती है, इस स्थिती मे प्रबंधन से संबंधित अकाउंटेंट के रूप मे कार्य करने का विकल्प मौजूद होता है जिसे ‘ मैनजेमेंट अकाउंटेंट’ कहाँ जाता है।


आपको बता दे इस तरह के कौशल संपन्न या ऐसा कार्य अनुभव प्राप्त किये लोगो को आये दिन बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। क्योंकी के.पी.ओ, आय.एफ.आर.एस पर कार्य करने वाली कंपनीया, कॉर्पोरेट क्षेत्र मे मूल्य प्रबंधन, विभिन्न देशो मे व्यवसाय करनेवाली कंपनीयो को ऐसे व्यक्तियो की अधिकता से जरुरत रहती है।


ऐसे क्षेत्र मे अकाउंटेंट के रूप मे कार्य करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ती चार्टर्ड इन्स्टिट्यूट ऑफ मैनजेमेंट अकौंट्स (CIMA) के सदस्य होना यहाँ पर आवश्यक होता है।


जहाँ पर मुख्य रूप से व्यवसाय से संबंधित जानकारी का विश्लेषण करके निर्णय लेना, वित्तीय नियोजन करना, नफा -नुकसान का अंदेशा लगाना, व्यवसाय से जुडे दिक्कतो का हल खोजना, वर्तमान समय अनुसार वित्तीय नियोजन का परामर्श देना तथा व्यवसाय रणनीती बनाना आदि कार्य शामिल होते है।


कुल मिलाकर इस तरह के अकाउंटेंट के रूप मे कार्य करते समय आपको व्यावसायिक प्रबंधन, वित्तीय नियोजन तथा मूल्य प्रबंधन ऐसे तिनो भी प्रमुख मानदंडो पर कार्य करना होता है, जहाँ अच्छे धनार्जन के साथ आपको बहुत कुछ सिखने को भी मिल जाता है।


ऐसे पदो की नौकरियो को निजी क्षेत्र मे प्रतिष्टीत भी माना जाता है, क्योंकी राष्ट्रीय हो या बहुराष्ट्रीय इस तरह की कंपनीयो का सालाना का वित्तीय कारोबार काफी बडा होता है।


अकाउंटेंट से संबंधित कुछ शिक्षाक्रम और परीक्षाए – Accountant Course or Accountant Exam

आपको बता दे अगर एक अकाउंटेंट के तौर पर आपको भविष्य निर्माण करना है तो किसी भी शिक्षा धारा से न्यूनतम स्नातक स्तर की शिक्षा को प्राप्त करना सबसे पहले अनिवार्य चीज होती है।


जो भी छात्र वाणिज्य शिक्षा धारा से स्नातक डिग्री उत्तीर्ण करते है, उनके लिये बादमे इस क्षेत्र मे कार्य करना और भी आसान हो जाता है क्योंकी ऐसे छात्र अकाउंट विषय को अच्छे से पढे हुये होते है तथा अर्थशास्त्र भी यहाँ महत्वपूर्ण विषय माना जाता है।


निचे हमने कुछ शिक्षाक्रमो का विवरण दिया हुआ है, जिसमे परीक्षा को सफलता से उत्तीर्ण कर आप अकाउंटेंट के तौर पर करियर का निर्माण कर सकते है। इनमे से अधिकतर कम अवधी के प्रमाणपत्र कोर्स है, जो के इस तरह से है –

  • फाइनेंशियल रिस्क मैनेजर सर्टिफिकेशन (FRM Certification)
  • चार्टर्ड फाइनेंशियल कंसल्टंट सर्टिफिकेशन (CFC Certification)
  • सर्टिफिकेशन – चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (Certification – CFA)
  • पब्लिक अकाउंट सर्टिफिकेशन/ सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट (CPA)
  • चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट (CCA)
  • सर्टिफाइड मैनजेमेंट अकाउंटेंट(CMA)
  • चार्टर्ड ग्लोबल मैनजेमेंट अकाउंटेंट(CGMA)
  • फाइनेंशियल मॉडेलिंग एंड वैल्यूएशन एनालिस्ट
  • कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग (CMA), इत्यादि..

उपरोक्त कोर्सेस को सफलता पूर्वक उत्तीर्ण कर आप अकाउंटेंट के रूप मे कार्य करने के लिये सक्षम बन जाते है, आपको बता दे की इन सभी कोर्स हेतू आवश्यक पात्रता, शुल्क, अवधी इत्यादि भिन्न होते है परंतु अंततः आप इसके द्वारा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र मे अकाउंटेंट के तौर पर रोजगार के प्राप्त कर सकते है।


इन सभी कोर्सेस के अलावा आप चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) कोर्स के लिये भी प्रवेश ले सकते है जिसे उत्तीर्ण करने की चरण बध्द प्रक्रिया का अवधी ज्यादा होता है, पर जो भी व्यक्ती इसमे सफलता हासिल करते है उन्हे सुनहरे भविष्य निर्माण हेतू ढेर सारे विकल्प प्राप्त हो जाते है।


अकौन्टन्सी से संबंधित स्नातक/बैचलर और स्नातकोत्तर डिग्री कोर्सेस की सूची – List of Accounting Courses

यहाँ अकौन्टन्सी से संबंधित स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कुछ शिक्षाक्रमो का ब्यौरा हमने निचे दिया हूआ है जो के सामान्य अवधी के शिक्षाक्रम होते है। इनमे शामिल प्रमुख शिक्षाक्रम इस प्रकार से है –

  • बैचलर ऑफ कॉमर्स इन अकाउंटिंग (Bachelor of Commerce in Accounting)
  • बैचलर ऑफ आर्ट्स इन अकाउंटिंग (Bachelor of Arts in Accounting)
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) – स्नातकोत्तर स्तर ( Chartered Accountant)
  • बैचलर ऑफ सायन्स इन अकाउंटिंग(Bachelor of Science in Accounting)
  • बी.बी.ए इन अकाउंटिंग(B.B.A in Accounting)
  • एम.बी.ए इन अकाउंटिंग(M.B.A in Accounting)
  • मास्टर ऑफ कॉमर्स- अकाउंटिंग(M. Com in Accounting), इत्यादि..


अकाउंटेंट पद हेतू सैलरी – Salary of Accountant

सबसे पहले आपको इस मुख्य बात को ध्यान मे रखना है के अकाउंटेंट पद निजी और सार्वजनिक ऐसे दोनो भी क्षेत्रो मे मौजूद होते है, इसके अलावा जिस भी कंपनी, संस्था या व्यावसायिक क्षेत्र मे ये पद उपलब्ध होते है उसके आधार पर सैलरी तय की गई होती है।


आम तौर पर अकाउंटेंट पद के लिये शुरुवात मे सालाना लगभग ३ लाख से लेकर ५ लाख (भारतीय रुपये) तक सैलरी दी जाती है, जिसमे कुछ समय पश्चात बढोतरी हो जाती है।


यहाँ पर जो लोग चार्टर्ड अकाउंटेंट पद पर कार्य करते है, उन्हे सालाना लगभग ७ लाख रुपये से लेकर १० लाख (भारतीय रुपये) तक सैलरी दी जाती है।


अब तक आपने अकाउंटेंट के रूप मे करियर से संबंधित लगभग सभी प्रमुख पह्लूओ पर जानकारी हासिल की, जिसमे हमने आपको सभी आवश्यक बातो से परिचित किया।


हमे विश्वास है के दी गई जानकारी आपको निकट भविष्य मे लाभदायक सिद्ध होगी, अन्य लोगो को इस जानकारी का लाभ पहुचाने हेतू उन सभी तक लेख को अवश्य साझा करे। हमसे जुडे रहने हेतू बहुत बहुत धन्यवाद….


अकाउंटेंट के विषय में अधिकतर बार पुछे जाने वाले सवाल – Accounting Quiz

Q. क्या अकाउंटेंट के तौर पर नौकरी पाने हेतू टैली कोर्स को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है? 

जवाब: वैसे टैली कोर्स को उत्तीर्ण करने की कोई अनिवार्यता नही होती है, परंतु इस कोर्स को उत्तीर्ण किये हुये छात्रो को नौकरी मे चयन के दौरान प्राथमिकता दी जाती है।


Q. सामान्य तौर पर कितने प्रकार के अकाउंटेंट पाये जाते है? 

जवाब: मुख्यतः तीन प्रकार के अकाउंटेंट होते है जैसे के १. फाइनेंशियल अकाउंटेंट(Financial Accountant) २. कॉस्ट अकाउंटेंट(Cost Accountant) ३. मैनेजमेंट अकाउंटेंट (Management Accountant)


Q. सामान्यतः एक अकाउंटेंट पद पर कार्य कर रहे व्यक्ती और चार्टर्ड अकाउंटेंट मे क्या अंतर होता है?

जवाब: किसी भी स्नातक परीक्षा को उत्तीर्ण कर अकाउंटेंट से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स और टैली इत्यादि को पुरा कर आप अकाउंटेंट के तौर पर कार्य कर सकते है, परंतु चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर वही लोग कार्य कर सकते है जिन्होने सी.ए कोर्स के सभी चरण उत्तीर्ण किये है तथा उनका आय.सी.ए. आय (ICAI) मे चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप मे नामांकन हुआ है।


Q. भारत मे अकाउंटेंट पद के लिये सामान्यतः कितनी सैलरी दी जाती है? 

जवाब: सालाना लगभग ३ लाख से लेकर ५ लाख (भारतीय रुपये) सैलरी शुरुवात मे अकाउंटेंट पद पे कार्य कर रहे व्यक्तियो को दी जाती है।


Q. क्या मुझे अकाउंटेंट के तौर पर सार्वजनिक क्षेत्र मे नौकरी मिल सकती है? 

जवाब: हाँ।