प्रोफेसर कैसे बने, प्रोफेसर का मतलब क्या होता है, इसके लिए आवश्यक पात्रताए एवं परीक्षा, इसकी चयन प्रक्रिया क्या है, प्रोफेसर बनने के लिए कैसे करे आवेदन? इन सभी बातों को हम बताने वाले है। तो यदि आप भी professor kaise bane, College Professor कैसे बने? के बारे में संपूर्ण जानकारी पाना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें। आपको फायदा ही होगा।
प्रोफेसर कैसे बनें:- आपमे से अधिकतर छात्र स्कूल और कॉलेज मे पढते समय अपने अध्यापक/ प्राध्यापक वर्ग से अच्छे अंक प्राप्त करने हेतू, या फिर समय पर गृहपाठ इत्यादी करने हेतू प्रशंसा प्राप्त कर चुके होगे। बहुत बार विनम्र, अनुशासन का पालन करनेवाले तथा मेधावी छात्र शिक्षाकाल मे अपने गुरुजनो के लाडले होते है, तथा बहुत बार उनसे प्रशंसा और प्रेरणा भी हासिल करते है।
पर क्या आपमे से किसिने कभी ये सोचा था या सोचा है के आपको भी भविष्य मे शिक्षा के क्षेत्र मे करियर करना है? क्योंकी बहुत सारे छात्र ऐसे भी होते है जो बचपन से ये सोच रखते है के उन्हे भविष्य मे एक अच्छा अध्यापक/प्राध्यापक बनना है और अच्छे व्यक्ती के रूप मे समाज निर्माण करना है।
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दरसल शिक्षा के क्षेत्र मे अगर आपको करियर करना है तो विभिन्न प्रकार के विकल्प मौजूद होते है, इनमे से ही एक खास विषय पर इस लेख के माध्यम आपको जानकारी मिलने वाली है। प्रोफेसर या प्राध्यापक के रूप मे करियर निर्माण हेतू किन बुनियादी बातो का अनुसरण करना होता है, तथा इससे संबंधी पात्रता, परीक्षा आदि पह्लुओ की जानकारी यहाँ आपको देने का हमारा प्रयास होगा।
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कक्षा दसवी तक स्कूल / पाठशाला की शिक्षा पूर्ण होने के बाद आपको कक्षा ग्यारवी के पढाई हेतू महाविद्यालय मे प्रवेश लेना होता है। जहाँ ग्यारवी और बारवी कक्षा तक के शिक्षा स्तर को जूनियर कॉलेज या कनिष्ठ महाविद्यालय की शिक्षा कहते है।
जूनियर कॉलेज की शिक्षा के बाद आपको स्नातक या बैचलर डिग्री की शिक्षा हेतु सीनियर कॉलेज में प्रवेश लेना होता है, इन दोनो भी स्थिती मे आपको विभिन्न विषय पढानेवाले शिक्षक वर्ग को प्राध्यापक कहते है।
प्राध्यापक को अंग्रेजी भाषा मे प्रोफेसर कहते है, यहाँ और एक महत्वपूर्ण बात ये भी होती है के कक्षा ११ वी और कक्षा १२ वी के प्रोफेसर को कनिष्ठ या जूनियर स्तर के प्रोफेसर कहते है।
वही स्नातक/बैचलर डिग्री और इससे उच्च स्तर की शिक्षा हेतू नियुक्त किये गए प्रोफ़ेसर को सीनियर या वरिष्ठ प्राध्यापक कहलाया जाता है।
प्रोफेसर के विभिन्न प्रकार- Types of Professor
आईये एक नजर डालेंगे प्रोफेसर के स्तर पर जिसमे सुचीगत तौर पर बतायेंगे के आखिर क्या प्रकार होते है प्राध्यापक/प्रोफेसर के।
- असिस्टंट प्रोफ़ेसर (Assistant Professor)
- एसोसिएट प्रोफ़ेसर (Associate Professor)
- प्रोफेसर (Professor)
उपरोक्त दिये गये पदो को अन्य नाम से भी जाना जाता है, जिनका स्तर लगभग एक जैसा होता है इसमे शामिल पद इस प्रकार से होते है –
- जूनियर लेक्चरर (Junior Lecturer)
- सीनियर लेक्चरर (Senior Lecturer)
- रीडर (Reader)
प्राध्यापक के विभिन्न पदो के हेतू आवश्यक पात्रता – Professor Eligibility
यहाँ आपको इस मुख्य बात समझना होगा के सामान्य तौर पर कक्षा ११ वी और कक्षा १२ वी से लेकर स्नातक, स्नातकोत्तर तथा युनिवर्सिटी के प्राध्यापक तक के विभिन्न पद मौजूद होते है, इसके अलावा इनमे भी शिक्षा धारा के अनुसार अंतर देखने को मिलता है।
मान लीजिये की कला, वाणिज्य और विज्ञान के अलावा अभियांत्रिकी, मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, आर्किटेक्चर आदि शिक्षाक्रम से जुडे भी महाविद्यालय होते है वहा भी विभिन्न स्तर के प्राध्यापक मौजूद होते है।
तो जब बात प्राध्यापक पद से संबंधित पात्रता की हो तो आपको इन सभी को अलग करके सोचना पडेगा, हालाकि देखा जाये तो बुनियादी तौर पर इनके पात्रता मे बहुत ज्यादा अंतर नही होता है, फिर भी इसे आसान तरीके से आपको समझाने का हमारा प्रयास रहेगा।
1. असिस्टंट प्रोफ़ेसर पद हेतु आवश्यक पात्रता – Eligibility for Assistant Professor
यहाँ हम नजर डालेंगे उन चिजो पर जिनकी असिस्टंट प्रोफ़ेसर के तौर पर चयन होने हेतू अनिवार्यता होती है, इसमे शामिल है –
इच्छुक उम्मीदवार ने न्यूनतम स्नातकोत्तर डिग्री/ पोस्ट ग्रेज्यूएशन डिग्री की शिक्षा को किसी भी विशिष्ट विषय के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है उदाहरण के तौर पर जैसे के एम.ए (इतिहास, समाजविज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल, राजनीतिक शास्त्र, अर्थशास्त्र इत्यादी), एम.कॉम (एकाउंटिंग एंड फाइनेंस, ई कॉमर्स, बैंकिंग, बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन, स्टैटिस्टीक्स), एम.एस.सी ( भौतिक विज्ञान, बॉटनी, जूलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, रसायन विज्ञान, कृषि विज्ञान, गणित इत्यादि)
न्यूनतम ५५ प्रतिशत अंको के साथ स्नातकोत्तर डिग्री को उत्तीर्ण करना यहाँ अनिवार्य होता है, जिसमे भारतीय संविधान अनुसार आरक्षित वर्ग के अंतर्गत आनेवाले छात्रो को स्नातकोत्तर डिग्री के न्यूनतम कुल अंक ५० प्रतिशत होना अनिवार्य होता है।
यहाँ पर इच्छुक उम्मिद्वार ने संपूर्ण भारतभर मे इस पद हेतू ली जानेवाली राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नेट (NET- National Eligibility Test)) को या फिर राज्य अंतर्गत ली जानेवाली पात्रता परीक्षा सेट (SET- State Eligibility Test) को अनिवार्य तौर पर उत्तीर्ण करना आवश्यक बन जाता है।
जिन सभी उम्मिदवारो ने पी.एचडी/एम.फिल डिग्री हासिल की हुई है उन सभी को नेट और सेट परीक्षा देने की आवश्यकता नही होती है, यानि के ऐसे उम्मिदवारो को यहाँ पर पात्र मानकर असिस्टंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त किया जाता है।
2. असोसिएट प्रोफेसर पद हेतु आवश्यक पात्रता- Eligibility for Associate Professor
इच्छुक उम्मीदवार ने न्यूनतम स्नातकोत्तर डिग्री/ पोस्ट ग्रेज्यूएशन डिग्री की शिक्षा को किसी भी विशिष्ट विषय के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है।
पी.एचडी डिग्री को अच्छे अंक और शिक्षा के समयकाल मे उत्तम वर्तन के साथ पुरा करना अनिवार्य होता है।
स्नातकोत्तर डिग्री/ पोस्ट ग्रेज्यूएशन डिग्री को न्यूनतम ५५ प्रतिशत कुल अंको के साथ उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है।
इच्छुक उम्मिद्वार के पास न्यूनतम आठ साल तक महाविद्यालय मे प्राध्यापक के तौर पर काम करने का अनुभव होना चाहिये, या फिर किसी शिक्षा संस्था या युनिव्हर्सिटी मे असिस्टंट प्रोफेसर या शोधकर्ता के रूप मे कार्य करने का अनुभव होना चाहिये।शोधकर्ता के रूप मे कार्य करते समय ऐसे उम्मिद्वार ने कमसे कम ७ शोध लेख को तैयार किया होना चाहिये जिसका यु.जी.सी के मानदंडो अनुसार कुल स्कोअर न्यूनतम ७५ तक आना चाहिये।
जो भी उम्मिद्वार असोसिएट प्रोफेसर पद हेतू इच्छुक है उन्होने शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ नये बदलाव, शिक्षाक्रम हेतू महत्वपूर्ण सुझाव देना तथा अकॅडेमिक करिक्युलम से जुडे विषयो पर कार्य किया होना चाहिये जिसका चयन प्रक्रिया मे विशेष महत्व होता है।
3. प्रोफेसर पद हेतू आवश्यक पात्रता – Eligibility for Lecturer
प्रोफेसर पद के लिये इच्छुक उम्मिद्वार ने न्यूनतम पी.एचडी डिग्री की शिक्षा को अच्छे अंक और शिक्षा के समयकाल मे उत्तम व्यवहार के साथ पुरा करना अनिवार्य होता है।
पी.एचडी शिक्षा के समय शोधकर्ता के रूप मे कमसे कम १० शोध लेख तैयार किये होने चाहिये जिसमे यु.जी.सी के दिशानिर्देशो और अंक पद्धती के तहत प्राप्त कुल न्यूनतम अंक १२० होने चाहिये।
इच्छुक उम्मिद्वार को किसी भी शिक्षा संस्थान/ युनिवर्सिटी मे न्यूनतम १० साल तक असिस्टंट प्रोफेसर, असोसिएट प्रोफेसर, शोधकर्ता मे से किसी भी एक पद पर कार्य करने का अनुभव होना चाहिये।
जो भी उम्मिद्वार प्रोफेसर पद हेतू इच्छुक है उन्होने शिक्षा के क्षेत्र मे कुछ नये बदलाव, शिक्षाक्रम हेतू महत्वपूर्ण सुझाव देना तथा अकॅडेमिक करिक्युलम से जुडे विषयो पर कार्य किया होना चाहिये।
4. युनिवर्सिटी सिनियर प्रोफेसर पद हेतू आवश्यक पात्रताए – Eligibility for Senior Professor Post
यहाँ एक बात समझना अत्यंत आवश्यक बन जाता है के युनिवर्सिटी सिनियर प्रोफेसर के अधिकतर पद सरल भर्ती प्रक्रिया द्वारा भरे जाते है, वही कुल उपलब्ध पदो मे से १० प्रतिशत पदो हेतू उम्मिद्वार का चयन मौजुदा प्रोफेसर पद पर कार्यरत लोगो मे से किया जाता है।
निचे दिये हुये जानकारी द्वारा आपको बतायेंगे की किस प्रकार की अनिवार्य पात्रता का होना इस पद हेतू अहम होता है, जिसमे शामिल है –
सिनियर प्रोफेसर पद हेतू इच्छुक उम्मिद्वार ने न्यूनतम १० साल तक किसी भी महाविद्यालय/शिक्षा संस्थान/युनिवर्सिटी मे प्रोफेसर तौर पर कार्य किया होना चाहिये।
ऐसे उम्मिद्वार ने अधिकतर बार शोधकर्ता के रूप मे शिक्षा क्षेत्र मे कार्य किया होना चाहिये, जिसमे उस उम्मिद्वार के लेख द्वारा शिक्षा मे व्यापक बदलाव, शिक्षा प्रणाली मे सुधार हेतू असरदार सुझाव तथा नये शोधकर्ताओ को शोध हेतू दृष्टी और मार्गदर्शन प्राप्त होना चाहिये।
इस पद हेतू उम्मिद्वार का चयन उसके द्वारा लिखित कमसे कम १० शोध लेख की विशेषता, स्तर, लेख द्वारा शिक्षा क्षेत्र मे प्राप्त होनेवाले योगदान तथा ज्ञान की गहराई आदि मानदंडो को परखने के बाद की जाती है।यहाँ पर युनिवर्सिटी द्वारा स्थापित चयन समिती द्वारा इन सभी बातो का अवलोकन और संज्ञान लिया जाता है अंततः पात्र उम्मिद्वार को चयनीत किया जाता है।
प्रोफेसर पद हेतू आयु – Professor Age Limit
वैसे तो प्रोफेसर पद हेतू किसी भी प्रकार की अधिकतम आयु मर्यादा नही होती, इसमे जूनियर रिसर्च फेलो और असिस्टंट प्रोफेसर पद हेतू २८ साल तक उम्मिद्वार की आयु होना अनिवार्य होता है।
विभिन्न प्रोफेसर पद हेतू सैलरी की जानकारी – Professor Salary
यहाँ निम्नलिखित तौर पर आपको विभिन्न प्रोफेसर पद हेतू दिये जानेवाले सैलरी की जानकारी पढने को मिलेगी, जो के इस प्रकार से होती है –
असिस्टंट प्रोफेसर (Assistant Professor Salary) – लगभग ४०,००० रुपये प्रतिमाह तक शुरुवात मे सैलरी इस पद पर कार्य करने वाले व्यक्तियो को दी जाती है, जिसमे कार्य स्थान और शिक्षा संस्थान अनुसार अंतर देखने को मिल सकता है।
असोसिएट प्रोफेसर (Associate Professor Salary) – प्रतिमाह लगभग ७४,००० रुपये सैलरी इस पद हेतू दी जाती है, जिसमे सार्वजनिक महाविद्यालय/ संस्था और निजी महाविद्यालय तथा कार्य स्थान आदि अनुसार अंतर देखने को मिल सकता है।
प्रोफेसर(Professor Salary) – इस पद पर कार्य करनेवाले व्यक्तियो की मासिक तनख्वाह/सैलरी लगभग १,००००० रुपये तक होती है, पर यहाँ पर भी आपको शिक्षा संस्थान के प्रकार और स्थान अनुसार अंतर देखने को मिल जाता है।
सिनियर प्रोफेसर (Senior Professor Salary) – सालाना लगभग २० लाख रुपये से लेकर ३० लाख रुपये तक सैलरी इस पद पर कार्य करने वाले व्यक्तियो को दी जाती है। जिसमे शिक्षा संस्थान या फिर युनिवर्सिटी मे सिनियर प्रोफेसर इस तरह से अंतर अनुसार सैलरी दी जाती है।
इस प्रकार से उपरोक्त सभी पह्लुओ द्वारा हमने आपको प्रोफेसर पद से संबंधित जानकारी दी है जिसमे हमने सभी आवश्यक बातो को आपके सामने रखा। हमे पुरा विश्वास है के दिये गये जानकारी का आपको अवश्य लाभ होगा, इस जानकारी द्वारा अन्य लोगो को लाभान्वित करने हेतू उन सभी तक आर्टिकल साझा करे। हमसे जुडे रहने हेतू बहुत धन्यवाद…
प्रोफेसर से संबंधित अधिकतर बार पुछे जाने वाले सवाल – Quiz on Professor Profession
Q. क्या असिस्टंट प्रोफेसर पद हेतू राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) या राज्य पात्रता परीक्षा (SET) को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है?
जवाब: हाँ।
Q. क्या पी.एचडी डिग्री धारक छात्रो को असिस्टंट प्रोफेसर पद हेतू राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(NET) से छुट मिल जाती है?
जवाब: हाँ।
Q. प्रोफेसर पद हेतू न्यूनतम शिक्षा पात्रता क्या होती है?
जवाब: इच्छुक उम्मिद्वार पी.एचडी डिग्री धारक होने चाहिये।
Q. क्या असिस्टंट प्रोफेसर, असोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदो हेतू अधिकतम आयु मर्यादा होती है?
जवाब: नही।
Q. प्रोफेसर पद हेतू कार्य संबंधी कुल कितने सालो का अनुभव होना आवश्यक होता है?
जवाब: न्यूनतम १० साल।