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भाषा किसे कहते हैं? | bhasha kise kahate hain

भाषा किसे कहते हैं? - भाषा मानवता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। यह वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों, भावनाओं, और जानकारी का आदान-प्रदान करते हैं। भाषा न केवल संवाद का साधन है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान भी निर्मित करती है। इस लेख में, हम भाषा की परिभाषा, उसके प्रकार, विकास, और उसके महत्व पर चर्चा करेंगे।


भाषा की परिभाषा

भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा हम मनुष्य बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर अपने मन के भावों या विचारों का आदान-प्रदान करते हैं ! भाषा एक संरचित प्रणाली है जिसमें शब्द, वाक्य, और व्याकरण का उपयोग करके विचारों का संप्रेषण (आदान -प्रदान) किया जाता है। भाषा एक सामाजिक संवाद का साधन है जो लोगों को आपस में जोड़ता है। भाषा की विशेषताएँ इसे अन्य संचार विधियों से अद्वितीय बनाती हैं। जैसे कि, भाषा में व्याकरण, शब्दकोश, और ध्वनि की विशेषताएँ होती हैं। 

भाषा किसे कहते हैं?
भाषा किसे कहते हैं?

एलन चॉम्स्की, एक प्रसिद्ध भाषाविद्, ने भाषा को एक ऐसी प्रणाली के रूप में परिभाषित किया है जो मानव मस्तिष्क में निहित होती है। उनका मानना है कि भाषा का विकास एक अंतर्निहित क्षमता के रूप में होता है, जो सभी मनुष्यों में स्वाभाविक रूप से विद्यमान होती है।


भाषा के प्रकार

भाषा को कई श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:

1. **मानव भाषा**: यह वह भाषा है जिसे लोग सामाजिक और व्यक्तिगत संवाद के लिए उपयोग करते हैं। इसमें बोलना, लिखना और सुनना शामिल है। मानव भाषा में कई रूप होते हैं, जैसे कि मौखिक भाषा (जैसे हिंदी, अंग्रेजी, आदि) और लिखित भाषा।


2. **प्राकृतिक भाषा**: ये वे भाषाएँ हैं जो स्वाभाविक रूप से विकसित हुई हैं, जैसे कि क्षेत्रीय भाषाएँ। प्राकृतिक भाषाएँ समय के साथ विकास करती हैं और इनमें स्वर और व्याकरण की स्वतंन्त्रता होती है।


3. **कृत्रिम भाषा**: ये वे भाषाएँ हैं जिन्हें मैन्युअली बनाया गया है, जैसे कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषाएँ (जैसे जावा, सी++, आदि) और इंटरनैशनल भाषा (जैसे एस्पेरांतो)।


4. **संकेत भाषा**: यह वह भाषा है जो इशारों के माध्यम से संवाद करती है, जैसे कि बधिर लोगों के लिए बने संकेत भाषा। 


5. **सांस्कृतिक भाषा**: ये वे विशेष भाषाएँ हैं जो किसी विशेष संस्कृति से जुड़ी होती हैं और उन समुदायों की पहचान को दर्शाती हैं।


 भाषा का विकास

भाषा का विकास मानव समाज के साथ-साथ हुआ है। प्रारंभिक मानवों ने इशारों और ध्वनियों के माध्यम से संवाद करना शुरू किया। धीरे-धीरे, इन प्रारंभिक संचार विधियों ने अधिक जटिल और संरचित भाषाओं का रूप ले लिया। 


भाषा का विकास कई चरणों में हुआ:


1. **प्रारंभिक संचार**: मूल बातें व्यक्त करने के लिए इशारों एवं ध्वनियों का उपयोग।

2. **शब्दों की उत्पत्ति**: शब्दों का निर्माण और उनका अर्थ निर्धारित करना।

3. **व्याकरण का विकास**: नियमों का निर्माण जो शब्दों को जोड़ते हैं और वाक्य बनाते हैं।

4. **लिखित भाषा की शुरुआत**: लिखित सामग्री का विकास और उसे संचार का माध्यम बनाना।


भाषा का महत्व

भाषा केवल संवाद का एक साधन नहीं है, बल्कि यह सोचने और जानने का तरीका भी है। यहाँ कुछ मुख्य कारण हैं जो भाषा के महत्व को दर्शाते हैं:


1. **संवाद और संचार**: भाषा हमें विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता देती है। चाहे वह व्यक्तिगत संचार हो या वैश्विक संवाद, भाषा एक महत्वपूर्ण कड़ी है।


2. **सांस्कृतिक पहचान**: प्रत्येक भाषा एक संस्कृति और समुदाय को दर्शाती है। भाषा के माध्यम से, हम अपने इतिहास, परंपराओं, और मान्यताओं को संप्रेषित करते हैं।


3. **शैक्षिक विकास**: भाषा शिक्षा का मूल स्तम्भ है। वह ज्ञान के आदान-प्रदान में सहायक होती है, जिससे हम विभिन्न विषयों को समझ सकते हैं।


4. **सामाजिक संबंध**: भाषा सामाजिक संबंधों को बनाने और मजबूत करने में सहायक होती है। यह मित्रता, सहयोग और सहानुभूति की भावना को बढ़ावा देती है।


5. **विकास और नवाचार**: भाषा के माध्यम से नए विचार, नवाचार, और रचनात्मकता का संप्रेषण संभव होता है। यह हमें तकनीकी और सामाजिक प्रगति के मार्ग में आगे बढ़ने में मदद करती है।


निष्कर्ष

भाषा हमारी पहचान, संस्कृति, और समाज का अभिन्न अंग है। यह न केवल संवाद का साधन है, बल्कि हमारी सोच और परिवर्तन का आधार भी है। यह समझना आवश्यक है कि भाषा केवल शब्दों का समूह नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत और विकसित होती प्रणाली है जो हम सभी को जोड़ती है। भाषा के माध्यम से हम अपने विचारों को दुनिया के समक्ष प्रकट कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ गहरे संबंध स्थापित कर सकते हैं। इसलिए, भाषा का सम्मान करना और उसे सहेजना हम सब की जिम्मेदारी है।