जटायु कौन था रामायण, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण और पूज्यनीय ग्रंथ है। इस महाकाव्य में, भगवान राम की कहानी के साथ-साथ अनेक ऐसे पात्र हैं जिन्होंने धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर चलते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जटायु, इन्ही महत्वपूर्ण पात्रों में से एक हैं।
जटायु कौन थे?
जटायु कौन था जटायु एक विशालकाय गिद्ध थे। वे अरुण के पुत्र थे और गरुड़ उनके चाचा थे। जटायु की माँ का नाम सुर्यवर्चा है। जटायु भगवान् कश्यप और उनकी पत्नी विनता के पुत्र अरुण से हुआ था। वे रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उन्हें भगवान राम के प्रति अपनी अटूट भक्ति और कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाना जाता है।
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Jatayu kon tha |
रामायण में जटायु की भूमिका:
रावण द्वारा सीता का हरण करने के दौरान जटायु ने सीता को बचाने का प्रयास किया था। उन्होंने रावण से भयंकर युद्ध किया। जटायु एक बूढ़े और घायल पक्षी होने के बावजूद रावण से वीरतापूर्वक लड़े, लेकिन रावण की शक्ति के आगे हार गए। रावण ने जटायु को बुरी तरह घायल कर दिया, जिसके कारण वे भूमि पर गिर पड़े।
जब भगवान राम और लक्ष्मण सीता की खोज में भटक रहे थे, तब उन्होंने घायल जटायु को पाया। जटायु ने उन्हें सीता के हरण की जानकारी दी और बताया कि रावण उन्हें दक्षिण दिशा में ले गया है। यह जानकारी भगवान राम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इसी से उन्हें सीता की खोज में आगे बढ़ने की दिशा मिली।
जटायु का महत्व:
जटायु की रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। उनके कुछ महत्वपूर्ण पहलू इस प्रकार हैं:
- धर्म और कर्तव्य का पालन: जटायु ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना सीता को बचाने का प्रयास किया, जो उनके धर्म और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है।
- भगवान राम के प्रति भक्ति: जटायु भगवान राम के प्रति गहरी श्रद्धा और भक्ति रखते थे। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भगवान राम की सहायता करने का प्रयास किया।
- वीरता और साहस: जटायु एक बूढ़े और घायल पक्षी होने के बावजूद रावण जैसे शक्तिशाली राक्षस से लड़े, जो उनकी वीरता और साहस का प्रमाण है।
निष्कर्ष:
जटायु रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने धर्म, कर्तव्यनिष्ठा, भक्ति और वीरता का परिचय दिया। वे हमें सिखाते हैं कि हमें हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए और दूसरों की सहायता करने के लिए तत्पर रहना चाहिए, भले ही इसके लिए हमें अपने प्राणों की आहुति ही क्यों न देनी पड़े। जटायु की कहानी हमें प्रेरणा देती है कि हमें हमेशा सत्य और न्याय के लिए लड़ना चाहिए।