भारत का विदेश मंत्री कौन है: दोस्तों आज हम आपको वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री के बारे में बताने जा रहे हैं इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि भारत देश के विदेश मंत्री कौन हैं उन्होंने कब शपथ ग्रहण की तथा
भारत देश में अब तक कौन-कौन से विदेश मंत्री रह चुके हैं किस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं इन सब विषयों के बारे में जानकारी देंगे अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगती है तो आप अपने दोस्तों तक फॉरवर्ड कीजिए और यदि आप भी विदेश मंत्री एस जयशंकर जी को पसंद करते है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें। bharat ka videsh mantri kaun hai
भारत का विदेश मंत्री कौन है

श्री एस जयशंकर जिनका पूरा नाम सुब्रह्मण्यम जयशंकर है भारत के विदेश मंत्री हैं इन्होने 30 मई 2019 को विदेश मंत्री की शपथ ली थी। जयशंकर साहब ने सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई किया है।
तथा उन्होंने राजनीति विज्ञान में एम. ए. किया है और साथ ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एम. फिल किया है और पीएचडी भी की है। जयशंकर को 2019 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आपको बता दें की जिस बेबाकी से हमारे विदेश मंत्री अपनी बात दुनिया के सामने रखते है उसका कोई जवाब ही नहीं है।
डॉ. एस जयशंकर भारत के अभी तक रहे सभी विदेश मंत्रियों में से अपनी अलग ही छवि रखते है। उन्होंने अपने ज्ञान और समझदारी के साथ दुनिया को भारत के नजरिए से अवगत कराया है।
जहाँ दुनिया रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय रूस से कच्चा तेल खरीदने पर भारत पे दबाव बना रही थी उसी समय हमरे लिजेंडरी विदेश डॉ. जयशंकर ने उन्हें उन्हीं की तरह कड़ा जवाब देकर भारत के लोगों का दिल जीत लिया। यदि आप भी विदेश मंत्री एस जयशंकर जी को पसंद करते है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
जाहिर है ऐसा अनुभव और शब्दों की सटीकता एका – एक तो नहीं आती है इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत और उनके द्वारा किये गए अलग अलग कामो से उन्होंने यह सब हासिल किया है।
आपको बता दें की डॉ. जयशंकर विदेश मंत्री बनने से पहले कई मह्त्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दे चुके है। वे 2015-18 तक विदेश सचिव,रहे हैं तथा 2013-15 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में राजदूत रहे। भारत का रेल मंत्री कौन है 2023 में
2009-2013 तक चीन में राजदूत,रहे तथा 2007-2009 तक सिंगापुर में उच्चायुक्त एवं 2000-2004 तक चेक गणराज्य में राजदूत रहे।
विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय रहने के साथ-साथ, उन्होंने मास्को, कोलंबो, बुडापेस्ट और टोक्यो जैसे देशों में दूतावासों में अन्य राजनयिक पदों पर भी कार्य किया है। इसके बाद उन्हें देश के विदेश मंत्री के रूप में चुना गया।
डॉ. जयशंकर किसी भी राजनैतिक पार्टी से संबंध नहीं रखते है और न ही वे पहले किसी मंत्री पद में यही। मोदी सरकार ने एक ऐसे व्यक्ति को भारत का विदेश मंत्री चुना है जो विदेश नीति के बारे में काफी अच्छे से जनता है और इस पर काफी लम्बे समय सेकाम करता आ रहा है।
यही कारण है की आज हमें ऐसा लीजेंड्री विदेश मंत्री मिला है। जिसकी धौस पूरी दुनिया मानती है। यदि आप भी विदेश मंत्री एस जयशंकर जी को पसंद करते है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
भारत का रेल मंत्री कौन है 2023 में
विदेश मंत्री का मुख्य कार्य क्या है
भारत के विदेश मंत्री का प्रमुख कार्य भारत के विदेशी नीति और विदेश सम्बन्धों का प्रबंधन करना होता है। विदेश मंत्री देश की महत्वपूर्ण विदेशी सबंधों को अपने देश के संबद्धों के अनुरूप सुलझाता है,
विदेशी राजनयिक यात्राओं का प्रबंधन करता है, इंटरनेशनल फोरम के दौरों में भाग लेता है और विदेशों में भारतीय प्रतिष्ठान की रखरखाव करता है।
विदेश मंत्री द्वारा विशेष बैठकें आयोजित की जाती हैं जहां विदेशी सबंधों, राजनयिक मसलों और विदेशी राजनयिक यात्राओं को संबोधित किया जाता है।
विदेश मंत्रालय के अलावा, विदेश मंत्री दूसरे विभागों, दूसरे विदेश दूतावासों और अन्य सत्ताओं के साथ समन्वय भी करता है।
भारत का रेल मंत्री कौन है 2023 में
भारत के विदेश मंत्री
1947 से अब तक भारत के विदेश मंत्रियों की सूची
भारत के विदेश | कार्यकाल |
जवाहर लाल नेहरू | 2 सितम्बर 1946 से 27 मई 1964 |
गुलजारीलाल नंदा | 27 मई 1964 से 9 जून 1964 |
लाल बहादुर शास्त्री | 9 जून 1964 to 17 जुलाई 1964 |
स्वर्ण सिंह | 18 जुलाई 1964 से 14 नवम्बर 1966 |
एम. सी. छागला | 14 नवम्बर 1966 से 5 सितम्बर 1967 |
इंदिरा गांधी | 6 सितम्बर 1967 से 13 फरवरी 1969 |
दिनेश सिंह | 14 फरवरी 1969 से 27 जून 1970 |
स्वर्ण सिंह (फिर से नियुक्त) | 27 जून 1970 से 10 अक्टूबर 1974 |
यशवंतराव चव्हाण | 10 अक्टूबर 1974 से 24 मार्च 1977 |
अटल बिहारी वाजपेयी (जनता पार्टी) | 26 मार्च 1977 28 से जुलाई 1979 |
श्याम नंदन प्रसाद मिश्रा (जनता पार्टी (सेक्युलर) | 28 जुलाई 1979 से 13 जनवरी 1980 |
पी. वी. नरसिम्हा राव | 14 जनवरी 1980 से 19 जुलाई 1984 |
इंदिरा गांधी (फिर से नियुक्त) | 19 जुलाई 1984 से 31 अक्टूबर 1984 |
राजीव गांधी | 31 अक्टूबर 1984 से 24 सितम्बर 1985 |
बली राम भगत | 25 सितम्बर 1985 से 12 मई 1986 |
पी. शिव शंकर | 12 मई 1986 से 22 अक्टूबर 1986 |
एन. डी. तिवारी | 22 अक्टूबर. 1986 से 25 जुलाई 1987 |
राजीव गांधी (फिर से नियुक्त) | 25 जुलाई 1987 से 25 जून 1988 |
पी. वी. नरसिम्हा राव (फिर से नियुक्त) | 25 जून- 1988 से 2 दिसम्बर 1989 |
वी. पी. सिंह (जनता दल) | 2 दिसम्बर 1989 to 5 दिसम्बर 1989 |
आई. के. गुजराल (जनता दल (राष्ट्रीय मोर्चा) | 5 दिसम्बर. 1989 से 10 नवम्बर 1990 |
विद्या चरण शुक्ल (समाजवादी जनता पार्टी) | 21 नवम्बर 1990 से 20 फरवरी. 1991 |
माधवसिंह सोलंकी | 21 जून 1991 से 31 मार्च 1992 |
पी. वी. नरसिम्हा राव (फिर से नियुक्त) | 31 मार्च 1992 से 18 जनवरी 1993 |
दिनेश सिंह (फिर से नियुक्त) | 18 जनवरी 1993 से 10 फरवरी 1995 |
प्रणब मुखर्जी | 10 फरवरी 1995 से 16 मई 1996 |
सिकंदर बख्त | 21 मई 1996 से 1 जून 1996 |
आई. के गुजराल (जनता दल) (फिर से नियुक्त) | 1 जून 1996 से 18 मार्च 1998 |
अटल बिहारी वाजपेयी (फिर से नियुक्त) | 19 मार्च 1998 से 5 दिसम्बर 1998 |
जसवंत सिंह | 5 दिसम्बर 1998 से 23 जून 2002 |
यशवंत सिन्हा | 1 जुलाई 2002 से 22 मई 2004 |
नटवर सिंह | 22 मई 2004 से 6 नवम्बर 2005 |
मनमोहन सिंह | 6 नवम्बर 2005 से 24 अक्टूबर 2006 |
प्रणब मुखर्जी (फिर से नियुक्त) | 24 अक्टूबर 2006 से 22 मई 2009 |
एस. एम. कृष्णा | 22 मई 2009 से 26 अक्टूबर 2012 |
सलमान खुर्शीद | 28 अक्टूबर 2012 से 26 मई 2014 |
सुषमा स्वराज | 26 मई 2014 से 30 मई 2019 |
सुब्रह्मण्यम जयशंकर | 30 मई 2019 |
डॉ. एस जयशंकर | 30 मई 2019 से अब तक |
तो ये है 1946 से 2023 तक भारत के विदेश मंत्री की लिस्ट। मुझे उम्मीद है ये भारत के विदेश मंत्री की लिस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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भारत के विदेश मंत्री कौन है FAQ,s
भारत के विदेश मंत्री से संबंधित कुछ प्रश्न और उसके उत्तर इस प्रकार हैं –
प्रश्न:- भारत के पहले विदेश मंत्री कौन थे
उत्तर:- पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले विदेश मंत्री थे।
प्रश्न:- भारत की पहली महिला विदेश मंत्री कौन थी
उत्तर:- सुषमा स्वराज भारत की पहली विदेश मंत्री थी।
प्रश्न:- भारत के विदेश मंत्री कौन हैं?
उत्तर: वर्तमान में, भारत के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्री का कार्यकाल कितने साल का होता है?
उत्तर: विदेश मंत्री का कार्यकाल अस्थायी होता है और वह प्रधानमंत्री द्वारा तय किया जाता है।
प्रश्न:- विदेश मंत्री के कार्य क्या होते हैं?
उत्तर: विदेश मंत्री के कार्य में विदेशी नीति और विदेश सम्बन्धों का प्रबंधन, विदेशी राजनयिक यात्राओं का प्रबंधन, अंतरराष्ट्रीय फोरम में भाग लेना, और भारत की प्रतिष्ठा की रखरखाव शामिल होते हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्री क्या हितैषी दूत के रूप में कार्य करते हैं?
उत्तर: हाँ, विदेश मंत्री का कार्य हितैषी दूत के रूप में भी होता है, जिसका मतलब होता है कि वह अपने देश के हितों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्री की पारदर्शिता क्यों महत्वपूर्ण होती है?
उत्तर: विदेश मंत्री की पारदर्शिता महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इससे विदेशों के साथ संपर्क सुगम होता है, विश्वसनीयता बढ़ती है और किसी विदेशी राष्ट्र की सबको विशेष संबद्ध किया जाने की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
प्रश्न:- विदेश मंत्री किस प्रकार के विदेशी सबंधों का प्रबंधन करते हैं?
उत्तर: विदेश मंत्री विभिन्न प्रकार के विदेशी सबंधों का प्रबंधन करते हैं, जैसे द्विपक्षीय संबंध, बहुपक्षीय संबंध, संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मेलनों का प्रबंधन आदि।
प्रश्न:- विदेश मंत्री द्वारा आयोजित की जाने वाली विशेष बैठकें क्या होती हैं?
उत्तर: विदेश मंत्री द्वारा आयोजित की जाने वाली विशेष बैठकें, जैसे विदेश मंत्री काउंसिल, विभिन्न विदेश दूतावासों की बैठकें, और दूसरे संबद्ध विभागों की बैठकें, जहां विदेशी सबंधों को आलोचना और समाधान की जाती हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्री किस सत्ता के साथ समन्वय करते हैं?
उत्तर: विदेश मंत्रा अपने कार्यों में विदेश मंत्रालय के अलावा अन्य सत्ताओं, जैसे गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, व्यापार मंत्रालय, यातायात मंत्रालय आदि के साथ समन्वय करते हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्री की भूमिका क्या होती है विदेशी यात्राओं की व्यवस्था में?
उत्तर: विदेश मंत्री विदेशी यात्राओं की व्यवस्था, जैसे विदेशी दूतावासों की यात्रा, महत्वपूर्ण बैलेंसिंग अधिकारियों के आगमन, विदेशी राजनयिक गोलमेज के आयोजन, विदेशी सभाओं के समयवधि के प्रबंधन आदि करते हैं।
प्रश्न:- विदेश मंत्री की आपातकालीन विचारधारा क्या होती है?
उत्तर: विदेश मंत्री की आपातकालीन विचारधारा काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स के साथ मिलकर फॉरेन पॉलिसी में आवश्यक बदलावों के बारे में सोचना, समक्षता और निर्णय लेना होती है। यह आवश्यक होता है, जब किसी घटना या मामले के कारण विदेशी सबंधों में तत्परता होती है और विदेशी नीति में तत्परता की आवश्यकता होती है।
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दोस्तों हम आशा करते हैं की आपको हमारी द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी और यदि आप भी विदेश मंत्री एस जयशंकर जी को पसंद करते है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें। ऐसी ही और महत्त्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे इस वेबसाइट usefulgyan.com को फॉलो करें।