ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की – brahm samaj ki sthapna kisne ki

brahm samaj ki sthapna kisne ki:- ब्रह्म समाज एक धर्मिक समुदाय है जो भारतीय समाज में अद्वैत वेदान्त के मूल्यों पर आधारित है। इसकी स्थापना 1828 में राजा राम मोहन राय द्वारा की गई थी। यह समाज सामाजिक सुधार, मानवीयता और समानता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका मुख्य उद्देश्य धर्मीय संस्कृति में सुधार करना है और एक ऐसे समाज की स्थापना करना है जहां सभी लोगों को समानता और न्याय मिले।

इस समाज की स्थापना के बाद से अनेक शाखाएं और सदस्य समूह (communities) किसी अपनी अपनी शखा के अनुसार कार्य करने लगे हैं। उदाहरण के लिए, अर्य समाज, प्रार्थना सभा, योग सभा आदि ब्रह्म समाज से जुड़े हुए समूह हैं। ब्रह्म समाज कई धर्मिक विवादों और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है।

ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की

ब्रह्म समाज की स्थापना राजा राम मोहन राय द्वारा की गई थी। वह एक प्रख्यात सामाजिक नेता और सत्याग्रही थे जिन्होंने धर्मिक सुधार के लिए संघर्ष किया। उन्होंने ब्रह्म समाज की स्थापना करके एक समाजिक संस्था की आधारभूत ढांचा तैयार किया जो अद्वैत वेदान्त और मानवीयता के सिद्धांतों पर आधारित था।

ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की
ब्रह्म समाज की स्थापना किसने की

राम मोहन राय ने ब्रह्म समाज के माध्यम से स्त्री शिक्षा, संघटना, सती प्रथा और पुरुषों और महिलाओं के सामान अधिकारों की पुनर्स्थापना के पक्ष में संघर्ष किया। उन्होंने इस समाज की स्थापना के द्वारा सामाजिक बदलाव को प्रोत्साहित किया और लोगों को एक स्वतंत्र और प्रगतिशील धार्मिक संगठन के लिए आकर्षित किया।

ब्रह्म समाज की स्थापना कब हुई थी

20 अगस्त,1828 में ब्रह्म समाज को राजा राममोहन और द्वारकानाथ टैगोर ने स्थापित किया था। इसका एक उद्देश्य भिन्न भिन्न धार्मिक आस्थाओं में बँटी हुई जनता को एक जुट करना तथा समाज में फैली कुरीतियों को दूर करना था।

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