Wednesday, June 7, 2023

diwali kab hai | दीवाली कब है 2023, पूजन का शुभ मुहूर्त

diwali kab hai:- दिवाली 12 नवंबर, दिन रविवार कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली पूजन (महालक्ष्मी पूजा) का विधान है। diwali puja 2023 से पहले करवा चौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली और फिर दिवाली का पर्व आता है।

दिवाली में महालक्ष्मी पूजा के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा, और भाई दूज भी मनाई जाती है। हिन्दुओं का सबसे बड़ा दिवाली (deepawali 2023) का पर्व पूरे विश्व में पांच दिन तक मनाया जाता है। आइये जानते हैं, दीवाली कब है 2023, पूजन का शुभ मुहूर्त, धन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए मंत्र, दिवाली की पूजा विधि…..

Diwali kab hai?

diwali kab hai – दिवाली 12 नवंबर, दिन रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली के दिन भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली से पहले पूरे घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और शाम के समय गणेश जी और लक्ष्मी जी का पूजन करके पूरे घर को दीपों से सजाकर माता लक्ष्मी की स्वागत किया जाता है। 

diwali kab hai

दिवाली को दीपों का त्योहार कहा जाता है। पुराणों के अनुसार दीपावली के दिन ही भगवान राम अयोध्या लौटे थे। भगवान राम के आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था। 

उसी समय से दिवाली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं दिवाली 2023 की तिथि, लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त, दिवाली का महत्व, दिवाली पूजन विधि और दिवाली की कथा के बारे में।

diwali puja 2023

diwali puja 2023 दिवाली 2023 में 12 नवंबर, दिन रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली पर माता लक्ष्मी, कुबेर जी और भगवान श्री गणेश की पूजा का विधान है।

दीवाली का शुभ मुहूर्त 2023 

दीपावली एवं माँ लक्ष्मी  पूजन शुभ  मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना अति उत्तम माना गया है।

धन लक्ष्मी प्राप्ति के लिए मंत्र 

|| ॐ ह्रीं महालक्ष्मै च विद्म्हे, विष्णुपत्नये च धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात ||    
 
उक्त मंत्र का जाप करना, खीर पंचामृत, कमलगट्टा, वैजन्ती, शतावरी आदि से  दशांश हवन करना चाहिए। इस दिन श्री सूक्त का पथ पाठ करना भी लक्ष्मीदायक होता है। 
 

 दिवाली का महत्व (Importance Of Diwali Festival)

पुराणों के अनुसार त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम रावण का वध करके अयोध्या लौट रहे थे तो अयोध्या के लोगों ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था। 

भगवान श्री राम के इसी स्वागत को हर साल लोग दिवाली के त्योहार के रूप में मनाते हैं। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। 

इस दिन लोग अपने घर अच्छी तरह से सफाई करते हैं और अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर और पूरे घर को दीपों से सजाकर मां लक्ष्मी के आगमन का स्वागत करते हैं। 

लोग इस दिन अपने घरों को अच्छी तरह से सजाते हैं और भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटकर एक दूसरे को दिवाली की शुभकामना देते हैं। 

दिवाली पटाखे जलाकर इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार पर लोग अपने गहनों,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और घर में कभी भी धन की कोई कमीं नही रहती।

 दिवाली की पूजा विधि 2023  

1. दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। 

2. इस दिन घर के सभी लोगो शाम के समय स्नान करने के बाद कोरे वस्त्र धारण करने चाहिए। 

3. इसके बाद एक चौकी पर गंगाजल छिड़कर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। 

4.कपड़ा बिछाने के बाद खील और बताशों की ढेरी लगाकर उस पर भगवान गणेश, माता लक्ष्मी की प्रतिमा और कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करें।

 5. इसके बाद कुबेर जी प्रतिमा भी स्थापित करें और साथ ही कलश की स्थापना भी करें । उस पर स्वास्तिक बनाकर आम के पत्ते रखें और नारियल स्थापित करें। 

6.कलश स्थापित करने के बाद पंच मेवा, गुड़ फूल , मिठाई,घी , कमल का फूल ,खील और बातसे भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखें। 

7. इसके बाद अपने घर के पैसों, गहनों और बहीखातों आदि को भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के आगे रखें। 

8.यह सभी चीजें रखने के बाद घी और तेल के दीपक जलाएं और विधिवत भगवान गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा करें। 

9.माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप और साथ ही श्री सूक्त का भी पाठ करें। 

10.पूजा समाप्त होने के बाद अंत में अपने घर के मुख्य द्वार पर तेल के दो दीपक अवश्य जलाएं और साथ ही अपनी तिजोरी पर भी एक दीया अवश्य रखें।

 दिवाली पूजा की कथा 

भारतीय पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में एक साहुकार रहा करता था। उसकी एक बेटी थी जो रोज पीपल पर जल चढ़ाया करती थी। 

जिस पेड़ को वह जल देती थी वहां पर लक्ष्मी जी भी वास करती थी। लक्ष्मी जी उस साहुकार की लड़की से बहुत अधिक प्रसन्न थी। 

जिसके बाद उन्होंने उस लड़की से मित्र बनने की इच्छा प्रकट की। लड़की ने कहा कि मैं अपने पिता से इस विषय में पूछूंगी। 

जब उसने अपने पिता को इस बारे में बताया तो उसके पिता ने इसके लिए हां कर दी। 

जिसके बाद वह एक दिन लक्ष्मी जी साहुकार की बेटी को अपने घर लेकर आ गई। उन्होने साहुकार की पुत्री का बहुत स्वागत किया। 

जब साहुकार की बेटी जाने लगी तो लक्ष्मी जी ने पूछा कि अब तुम मुझे अपने घर कब बुलाओगी। 

जिसके बाद एक दिन उसने लक्ष्मी जी को अपने घर बुलाया लेकिन उसकी वह बहुत ही निर्धन थी। जिसके कारण उसके मन में डर था कि वह लक्ष्मी जी का स्वागत कैसे करेगी। 

उसके पिता ने जब उसकी यह हालत देखी तो उससे कहा कि तू घर की सफाई करके चार बाती वाला दीपक जला और लक्ष्मी जी को याद कर। 

उसी समय एक चील अपनी चोंच में नोलखा हार लेकर जा रही थी और उसने उस हार को साहुकार के घर पर डाल दिया। 

जिसे बेचकर उसने लक्ष्मी जी के स्वागत की तैयारी की। लक्ष्मी जी भगवान गणेश के साथ उसके घर में पाधारी। साहुकार की बेटी ने उन दोनों की खूब सेवा की। उसकी सेवा से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी ने साहुकार को अमीर बना दिया।

 diwali puja 2023 भगवान कुबेर की पूजा विधि (Lord Kuber Puja Vidhi hindi ) 

diwali kab hai – दिवाली का त्योहारों (Diwali Festival) दीपों का पर्व माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। 

लेकिन इनके साथ ही इस दिन भगवान कुबेर की पूजा (Lord Kuber Puja in hindi ) का भी विधान हैं। क्योंकि दिवाली की पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक भगवान कुबेर की पूजा न की जाए। हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है और इनकी पूजा माता लक्ष्मी के साथ की जाती है। 

दिवाली (Diwali) के दिन भगवान कुबेर की पूजा करने से मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और कुबेर जी की पूजा करने वालों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं तो चलिए जानते हैं दिवाली पर भगवान कुबेर की पूजा विधि। 

1. भगवान कुबेर की पूजा धनतेरस और दिवाली के दिन की जाती है। दिवाली के दिन आपको शाम को भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ कुबेर जी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए। 

2. इसके लिए आप एक साफ चौकी लें और उस पर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद उस पर एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भी गंगाजल छिड़कें। 

3. इसके बाद उस चौकी पर अक्षत डालें और भगवान गणेश मां लक्ष्मी और भगवान कुबरे की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। 

4. प्रतिमा स्थापित करने के बाद अपने आभूषण, पैसे और सभी कीमती चीजें भगवान कुबेर के आगे रखें। 

5. इसके बाद अगर आभूषण के डिब्बे पर स्वास्तिक बनाएं या फिर स्वास्तिक बनाकर अपने सभी पैसे और आभूषण उस पर रखें। 

6. इसके बाद भगवान कुबेर का तिलक करें और कुबेर जी के साथ- साथ सभी आभूषण और पैसों को अक्षत अर्पित करें। 

7. इसके बाद भगवान कुबेर को फल और फूल, माला अर्पित करें और आभूषण और पैसों पर भी फूल अर्पित करें। 

8. इसके बाद कुबेर त्वं धनाधीश गृहे ते कमला स्थिता।तां देवीं प्रेषयाशु त्वं मद्गृहे ते नमो नम:।। मंत्र का जाप करें। 

9. मंत्र जाप के बाद भगवान कुबेर को मिठाई का भोग लगाएं। 

10. इसके बाद भगवान कुबरे की धूप व दीप से आरती उतारें। 

11. इसके बाद एक साफ गिलास में जल लेकर भगवान कुबेर को जल अर्पित करें। 

12. अंत में भगवान कुबेर को हाथ जोड़कर नमन करें और उनसे जाने अनजाने में हुई भूल के क्षमा प्रार्थना करें और उनसे अपना अर्शीवाद सदा बनाने के लिए भी प्रार्थना करें।

दिवाली पर क्या न करें?

दिवाली पूजा में न करें इन चीजों का प्रयोग 

इस दिन मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। 

इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से घर में सुख,सपंदा और धन का वास होता है। लेकिन इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा में आपको कुछ चीजें भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए, 

और यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको जीवन भर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है तो चलिए जानते हैं दिवाली के दिन मां लक्ष्मी को क्या अर्पित न करें। 

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है।घर में सुख,सपंदा और शांति प्राप्ति करने के लिए इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। 

शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा का फल तब ही प्राप्त होता है। जब पूजा पाठ को पूरे नियम से किया जाए। मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ चीजें ऐसी होती है। जिनका प्रयोग करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। 

इसी कारण से माता लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें। दिवाली के दिन या और कभी भी माता लक्ष्मी को तुलसी के पत्ते भूलकर भी न चढ़ाएं। 

भगवान विष्णु को तुलसी सबसे अधिक प्रिय है। लेकिन देवी लक्ष्मी को तुलसी से बैर है।क्योंकि यह भगवान विष्णु के दूसरे स्वरूप शालिग्राम की पत्नी मानी जाती हैं।

इसी कारण से देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी को अर्पित नहीं किया जाता। दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा में बाईं और न रखें।देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक की बाती का रंग लाल होना चाहिए।

पूजा में आप हमेशा दीपक को दाईं और रखें।इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। 

भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीपक को दाईं और रखना चाहिए। इसके अलावा आपको दिवाली की पूजा में माता लक्ष्मी को सफेद रंग का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। 

देवी लक्ष्मी सुहागन हैं इसलिए हमेशा लाल फूल ही चढ़ाने चाहिए। दिवाली के दिन वैसे तो भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। लेकिन इस दिन आपको भगवान विष्णु की भी पूजा अवश्य करनी चाहिए। 

क्योंकि देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती। जब तक भगवान विष्णु की पूजा न की जाए। वहीं दिवाली के दिन आपको प्रसाद दक्षिण दिशा में ही रखना चाहिए और फूल बेलपत्र हमेशा सामने की और रखें।

# दिवाली के बाद देवी लक्ष्मी का आसन हटाने की विधि |

दिवाली दीपों का त्यौहार है। इस दिन देवी लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपको माँ लक्ष्मी का आसन कब हटाना चाहिए और पूजा में प्रयोग सभी सामग्री का क्या करना चाहिए। 

अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं दिवाली के बाद देवी लक्ष्मी माँ की आसन हटाने की विधि। 

1.मां लक्ष्मी की चौकी आपको दिवाली के अगले दिन यानी गोवर्धन पूजा के दिन ही हटानी चाहिए। लेकिन आसन हटाने से पहले भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। 

2. यदि आपने दिवाली पर कलश की स्थापना की है तो कलश को हटाने से पहले उस पर जो नारियल रखा है उसे उतार लें। उसके बाद उस कलश पर एक चावल की कटोरी रख लें और उस पर दीप जला लें। यदि आप दीप नहीं जला सकते तो आप उसमें अगरबत्ती या धूपबत्ती जला लें। 

3.इसके बाद सभी पूजा का सामग्री एक जगह पर एकत्रित कर लें और मां लक्ष्मी पर चढ़ाई गई खील और बताशों को उस पूजा सामग्री से अलग रख लें। इसके साथ ही माता लक्ष्मी को चढ़ाया गया कमल का फूल और कौड़िया आदि भी अलग रख लें। 

4.दिवाली पर आपने जिस भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की थी। उसे उठाकर अपने मंदिर में रख लें। 

5.इसके बाद उस सभी पूजा सामग्री को किसी किसी पवित्र नदी, तलाब या सरोवर में विसर्जित कर दें। 

6.इसके बाद आसान पर से कपड़ा उठा लें। अगर आपने उस कलश में चावल को रखे हैं तो उस चावल को उठाकर अपने खाने के अन्न में मिला लिजिए। ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न की कमीं नही होती। 

7.इसके बाद माता को स्थापित करने वाली आसन  को हटा लिजिए और उसकी जगह पर दो दीपक जला दें और दो फूल भी वहां पर रख दें। क्योंकि माता की चौकी के स्थान को खाली नहीं छोड़ा जाता। 

8.दिवाली की पूजा में माता लक्ष्मी को चढ़ाए गए खील और बताशे यदि संभव हो तो किसी गाय को खिला दें। 

9. इसके बाद माता लक्ष्मी को चढ़ाया गया कमल का फूल और कौड़िया अपनी तिजोरी में रख दें। 

10.अंत में यदि संभव हो तो किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को अन्न और दक्षिणा अवश्य दें।

दिवाली पर किसी को न दे गिफ्ट, Diwali Gift

इस दिन लोगो अपने रिश्तेदारों और चाहने वालों उपहार देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली (Diwali) पर कुछ उपहार ऐसे भी हैं जिन्हें आपको भूलकर भी किसी को नहीं देने चाहिए

happy diwali my friend

और यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको जीवनभर के कष्टों को प्राप्त कर सकते हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार (Diwali Festival) मनाया जाता है। 

इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा (Lord Ganesha And Goddess Laxmi Puja) की जाती है और अपने चाहने वालों को उपहार स्वरूप कुछ न कुछ दिया जाता है। 

लेकिन इस दिन आपको कुछ वस्तुएं भूलकर भी उपहार के रूप में नहीं देनी चाहिए नहीं तो आपको जीवनभर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वो वस्तुएं जो दिवाली पर आपको किसी को उपहार के रूप में नहीं देनी चाहिए। 

दिवाली पर जब आप दोस्तों,रिश्तेदारों और मिलने जुलने वालों को उपहार देते हैं तो आपको किसी भी इस प्रकार के गिफ्ट नहीं देने चाहिए जिससे आपकी सुख और समृद्धि किसी दूसरे के पास चली जाए। 

माना जाता है कि कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं। जिन्हें भूलकर भी किसी और को नहीं देना चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप कंगाल भी हो सकते हैं।इन उपहारों में से सबसे पहला उपहार आता है लक्ष्मी जी। 

आपको दिवाली पर लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर किसी को भी उपहार में नहीं देनी चाहिए। यदि आप किसी को लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर उपहार में देते हैं तो आप अपने घर की लक्ष्मी यानी यश,धन और समृद्धि सामने वाले व्यक्ति को दे देते हैं। 

काले रंग का उपहार दिवाली पर किसी को देना बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसा उपहार प्राप्त करने वाले व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक छा जाती है। दिवाली पर घड़ी देना भी अशुभ माना जाता है। 

ऐसा कहा जाता है कि यदि दिवाली पर हम किसी को घड़ी उपहार में देते हैं तो हम उसे अपना समय भी उपहार में दे देते हैं। दिवाली पर आपको किसी को चमड़े का तोहफा भी भेंट नहीं करना चाहिए। 

किसी भी शुभ काम में चमड़े का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए आप भूलकर भी किसी को दिवाली पर चमड़े की कोई वस्तु उपहार में बिल्कुल भी न दें। 

इसके अलावा आपको जूते भी किसी को दिवाली पर उपहार में नहीं देने चाहिए। क्योंकि जूतों पर शनि का आधिपत्य माना गया है। इसलिए आपको भूलकर भी किसी को जूते भी उपहार में नहीं देने चाहिए।

Happy Diwali Wishes in Hindi

diwali kab hai

Diwali Shubhkamna Sandesh: आप सभी को हमारी तरफ से दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं, Happy Diwali . हम ईश्वर से कामना करते हैं की यह दिवाली का त्यौहार आपके घर में भरपूर खुशियां लाए और माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहे|

Deepavali का त्यौहार हमारे देश का सबसे प्रमुख पर्व होता है | इस दिन लोग घर की सजावट कर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करते हैं| इसी महान पर्व के उपलक्ष में आज हम आपके साथ दिवाली बधाई सन्देश साझा करेंगे। 

पल-पल से बनता है एहसास,

एहसास से बनता है विश्वास,

विश्वास से बनते हैं रिश्ते,

और रिश्ते से बनता है कोई खास!!

आपको दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं…

दीपों का ये त्योहार,

लाया खुशियां हजार,

मुबारक हो आप सभी को,

दिवाली का त्योहार!!

Happy Diwali

कुमकुम भरे कदमों से

आए लक्ष्मी जी आपके द्वार

सुख-संपत्ति मिले आपको भरपूर

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं करें स्वीकार

लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार

सोने चाँदी से भर जाए आपका घर बार

जीवन में आयें ख़ुशियाँ अपार

शुभकामना हमारी करें स्वीकार

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

दीपक की रौशनी से झिलमिलाता आँगन हो

पटाख़ों की गूँज से आसमान रोशन हो

ऐसे झूम के आये यह दिवाली

हर तरफ खुशियों का माहौल आपका हो

शुभ दिवाली

हर घर में हो उजाला

आए ना कोई रात काली

हर घर मे मनाये खुशिया

हर घर मे हो दिवाली

दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं

आई आई दिवाली आई

साथ मे ढेरो खुशियाँ लायी

धूम मचाओ मौज मनाओ

आप सभी को दिवाली की बधाई

बिता जो साल भूल जाए

आगे नए साल को गले लगाये

करते है दुआ हम रब से सर झुका के

इस साल आपके सारे सपने पूरे हो जाये

 

सुख समृधि आपको मिले इस दीवाली पर,

दुख से मुक्ति मिले इस दीवाली पर,

माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद हो आपके साथ

और लाखों खुशिया मिले इस दीवाली पर.

! शुभ दीवाली !

दीप जलते रहे जगमगाते रहे,

हम आपको-आप हमें याद आते रहे,

जब तक ज़िन्दगी है दुआ है हमारी,

आप फूलो की तरह मुस्कुराते रहे

विश यू हैप्पी दीपावली

ज्योति-पर्व है,ज्योति जलाएं,

मन के तम को दूर भगाएं।

दीप जलाएं सबके घर पर,

जो नम आँखें उनके घर पर।

हर मन में जब दीप जलेगा,

तभी दिवाली पर्व मनेगा।

पल पल सुनहरे फूल खिले,

कभी ना हो कांटो का सामना,

जिंदगी आपकी खुशियो से भरी रहे,

दीपावली पर हमारी यही शुभकामना..!

दीपों का उजाला, पटाकों का रंग,

धुप की खुशबु, प्यार भरी उमंग,

मिठाई का स्वाद, अपनों का प्यार,

मुबारक हो आपको दिवाली का त्यौहार

हर दम खुशिया हो साथ,

कभी दामन ना हो खाली।

हम सब की तरफ से,

विश यू हैप्पी दिवाली।

दीप जलते रहे मन से मन मिलते रहे

गिले सिकवे सारे मन से निकलते रहे

सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये

ये दीपो का त्योहार खुशी की सोंगात ले आये

Wish You A Very Happy Diwali

रोशन हो दीपक और सारा जग जगमगाये

लिए साथ सीता मैय्या को राम जी हैं आये

हर शहर यु लगे मनो अयोध्या हो

आओ हर द्वार हर गली हर मोड़ पे हम दीप जलाये

दिवाली की शुभकामनाएं

दीप से दीप जले तो हो दीपावली

उदास चेहरे खिलें तो हो दीपावली

बाहर की सफाई तो हो चुकी बहुत

दिल से दिल मिले तो हो दीपावली

! शुभ दीवाली !

दिवाली पर दीयों में रौशनी की चकाचोंध हो

दिवाली पर दिलों में प्यार की सुगंध हो

छोड़ो यारों कुछ भी हो, मगर एक वादा दो

जलाएंगे, लेकिन दिए, पटाके, मोमबत्तियां

भुजाएँगे, लेकिन जलते हुए दिलों की चिंगारियां

दीपावली की शुभ बेला में

अपने मन का अन्धकार मिटायें

मिठाइयां खाएं, पटाखे चलाएं

और दीपों के इस त्यौहार को मनाएं

शुभ दिवाली 

होगी रौशनी और सजेगे घर और बाजार

मिल कर गले एक दूजे के बनायेगे खुशियों का त्यौहार,

देखो आ रही है दिवाली

हा जी आ रही है दिवाली हो जाओ तैयार..

हैप्पी दिवाली इन एडवांस

दीपावली से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

Q:- दीपावली कौन से महिने में है?
Ans:- इस वर्ष दीपावली का त्यौहार नवंबर महीने में पड़ रहा है।

Q:- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?
Ans:- दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है। यह भारत में दीपावली के साथ ही पांच दिन की अवधि तक मनाया जाता है।

Q:- लक्ष्मी पूजन की दिशा कौन सी है?
Ans:- पूजन के लिए चौकी पर महालक्ष्मी और गणेशजी की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में रहे

Q:- घर में लक्ष्मी जी की कितनी मूर्ति होनी चाहिए?
Ans:- यदि मूर्तियों की बात करें तो घर के मंदिर में माता लक्ष्मी की एक से अधिक मूर्तियां नहीं होनी चाहिए।

Q:- दीपावली के दूसरे दिन क्या करना चाहिए?
Ans:- दिवाली के अगले दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा को विधि-विधान के साथ किया जाता है।

 

मुझे उम्मीद है आपको यह जानकारी दीवाली कब है ?(diwali kab hai ) पसंद आई होगी। और diwali kab ki hai पढ़कर आपको इस बार के दीवाली पूजन कि तिथी और पूजन विधि का ज्ञान भी हो गया होगा। कृपया इसे अपने परिवार व परिचित लोगों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी इस जानकारी का लाभ मिले। 

आपने हमे इतना समय दिया आपका  बहुत बहुत धन्यवाद। 

योग क्या है? 

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