गणित किसे कहते हैं और गणित के जनक कौन है के बारे में आज का यह हमारा पोस्ट है। जैसा हमने आपको पहले की पोस्ट में गणित दिवस कब और क्यों मानते के बारे में बताया है। आप उन्हें भी पढ़ सकते है।
गणित किसे कहते हैं
अंको का प्रयोग कर हिसाब या लेखा जोखा करना गणित कहलाता है। गणित को विज्ञान की भी एक शाखा कहा जाता है। गणित का शाब्दिक अर्थ गणनाओं का अध्ययन करना होता है। गणित में हम संख्याओं, मात्राओं, आकड़ों तथा परिमाणो और उनके आपसी सम्बंधो, गुण, आदि का अध्ययन किया जाता है।

गणित, हमें विभिन्न भौगोलिक प्रतीकों और नियमों को समझने में मदद करता है। गणित हमारे दैनिक जीवन में व्यापार, निवेश, वित्त, निर्माण, सांख्यिकी, गणितीय मॉडलिंग, रोजगारी, योजनाबद्धता और भौतिकी के कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गणित के जनक कौन है
प्राचीन भारत में गणित के जनक को अक्सर आर्यभट्ट और ब्रह्मगुप्त के रूप में माना जाता है। आर्यभट्ट ने 5वीं शताब्दी में शुद्धगणित, त्रिकोणमिति, अनुक्रम और गणितीय समस्याओं पर काम किया। उनकी रचना ‘आर्यभट्टीय’ विशेष रूप से प्रसिद्ध हुई। वे गणितीय वर्गीकरण, दीपांक गणित, सूर्यग्रहणी संबंधी सिद्धांतों का विस्तार करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
ब्रह्मगुप्त ने 7वीं शताब्दी में अपवर्ग, गुणन, भाग, रूपबन्धन और खंडितों के बारे में गणितीय कविताएँ रचना। उन्हें ऋग्वेदीय गणितकार भी माना जाता है जो पिथागोरस शूत्र के प्रशंसक थे और इनके द्वारा प्रस्तुत किए गए अनेक गणितीय सिद्धांतों का उनके काल (समय) के बाद फैलाव हुआ।
वर्तमान काल में आर्किमिडीज़ को गणित का जनक माना जाता है। गणित के जनक आर्किमिडीज़ एक यूनानी गणितज्ञ, भौतिक विज्ञानी, इंजीनियर, खगोलशास्त्री और आविष्कारक थे जिनका जन्म प्राचीन सिसिली शहर सिरैक्यूज़ में हुआ था। उन्हें शास्त्रीय पुरातनता के अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। आर्किमिडीज़, जिन्हें प्राचीन इतिहास का महान गणितज्ञ माना जाता है।