हड़प्पा सभ्यता का पतन:- इस पोस्ट में हम आपको हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ, हड़प्पा सभ्यता की मुहरें, हड़प्पा सभ्यता की खोज, हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल और हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं| साथ ही आपको इस पोस्ट में हड़प्पा सभ्यता से जुडी अन्य जानकारी भी प्राप्त होगी अगर आप हड़प्पा सभ्यता से जुडी और भी रोचक जानकारी जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें।
हड़प्पा सभ्यता
हड़प्पा सभ्यता के बारे में आपने जरूर पढ़ा होगा या सुना होगा यह सिंधु घाटी सभ्यता जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, अब तक ज्ञात सभी सभ्यताओं में सबसे प्राचीन है। आईआईटी खड़गपुर और भारतीय पुरातत्व विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा हड़प्पा सभ्यता के बारे में नवीनतम खोज में यह पता चला की यह सभ्यता आज से 8000 साल पुरानी थी। शोध कर्ताओं के अनुसार हड़प्पा सभ्यता मिस्र और मेसोपोटामिया की सभ्यता से भी पुरानी सभ्यता है।
हड़प्पा सभ्यता की खोज
हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921 में श्री रायबहादुर दयाराम साहनी जी ने की थी।हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का एक शहर है सिंधु घाटी सभ्यता में हड़प्पा के आलावा अन्य मुख्य शहर भी शामिल थे| हड़प्पा सभ्यता की खोज रावी नदी के किनारे हुई थी यह मांटगोमरी जिला, पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है |
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल
सिंधु घाटी में ऐसी कम से कम 8 प्रमुख जगहें हैं जहां संपूर्ण नगर खोज लिए गए हैं। जिनके नाम हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चनहुदड़ो, लोथल, कालीबंगा, सुरकोटदा, रंगपुर और रोपड़ है। जो हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल के रूप में जाने जाते है।
हड़प्पा सभ्यता का पतन कैसे हुआ

वैसे तो हड़प्पा सभ्यता के पतन का एक कारण नहीं है| हड़प्पा सभ्यता के पतन के बारे में अनेक बातें सामने आई हैं| हड़प्पा सभ्यता के पतन के लिए बाढ़, जलवायु परिवर्तन, आर्यों का आक्रमण, भू तात्विक परिवर्तन, व्यापर में गतिरोध, महामारी, एवं संसाधनों का अधिक उपयोग जैसे अनेक कारण जिम्मेदार बताये गए हैं| लेकिन हड़प्पा सभ्यता के पतन के सच में कौन से कारण है बिल्कुल सटीक कहना मुश्किल है।
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हड़प्पा सभ्यता की मुहरें
किसी भी काल या सभ्यता में मुहरें कभी मायने रखती है। मुहरों के आधार उस काल या सभ्यता के बारे में कई अनुमान लागए जा सकते है। हड़प्पा सभ्यता में भी कई मुहर प्रचलित रही होंगी जिन में से कुछ मोहरें खुदाई के समय मिली है।

हड़प्पा सभ्यता की मोहरों का ज्यादरत निर्माण स्टीटाइट नामक सामग्री से होता था साथ ही इनमे तांबा, टेराकोटा, चर्ट, फैयेंस और एगेट जैसे धातुओं का उपयोग भी किया जाता था। खोज कर्ताओं को यह सोने के अलावा हाथीदांत से बने मुहरें भी प्राप्त हुई।
हड़प्पा सभ्यता की मुहरें में विविधता देखने को मिलती है। यह की मोहरों में आपको गेंडा, बाघ, भैंस, बाइसन, बकरी, गज, कूबड़ वाला बैल, मगरमच्छ जैसे पशुओं की छाप देखने को मिलती है।
पशुपति मुहर सिंधु घाटी सभ्यता ( हड़प्पा सभ्यता) की महत्वपूर्ण मुहर है। इस पशुपति मुहर में एक मुख्य चित्र है जो भगवान शिव को दर्शाता है। इसके अलावा इस मोहर में भगवान शिव (मुख्य चित्र) के सिर और दो सींग लगी टोपी के अलावा वह एक गैंडे, एक भैंस, एक हाथी और एक बाघ से घिरा हुआ है। भगवान शिव (मुख्य चित्र) के आसन के नीचे दो हिरनों को भी चित्रित किया गया है। सिंधु घाटी सभ्यता में भगवान शिव को पूजा जाता था।

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हड़प्पा सभ्यता की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन
* सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह थी की यह नगर नियोजित थे| प्रत्येक शहर २ भागो में बांटा था पश्चिमी टीला और पूर्वी टीला |
* सिंधु घाटी सभ्यता में मकान द्विमंजिला होते थे |
* मकान बनाने के लिए पक्की ईंटों का प्रयोग किया जाता था |
* सिंधु घाटी की सड़कें 10 मीटर चौड़ी थी |
* हड़प्पा सिंधु घाटी का प्रथम उत्खनन स्थल है |
* हड़प्पा, सिंधु घाटी का दूसरा बड़ा स्थल है |
*हड़प्पा सभ्यता की खुदाई में स्वस्तिक चिन्ह, कब्रिस्तान, कब्रिस्तान, 1 शृंगीय पशु वाली मोहर, ताम्बे की एक्का गाड़ी जैसे अवशेष प्राप्त हुए |
* हड़प्पा सभ्यता का कुल क्षेत्रफल 5 वर्ग किलोमीटर है |
* हड़प्पा का व्यवस्थित रूप से उत्खनन जान मार्सल ने कराया और सिंधु घाटी सभ्यता नाम दिया|
* हड़प्पा सिंधु घाटी सभ्यता का शहर है सिंधु घाटी सभ्यता के शहरों की कुछ विशेषताएं इस प्रकार है|
हड़प्पा सभ्यता का पतन, हड़प्पा सभ्यता की खोज, प्रमुख स्थल, मुहरें, और विशेषता के बारे में अब आप जान गए होंगे। मुझे उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
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