mentally strong kaise bane:- सकारात्मक बनें आप के विचार आप का आने वाले भविष्य को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं। आप के विचारों में बहुत अधिक शक्ति होती है। अपने सकारात्मक विचारों के सही तरीके से उपयोग कर आप अपने भविष्य को अपने अनुसार किसी भी दिशा में मोड़ सकते हो। सकारात्मक सोच के बिना जिंदगी अधूरी है।
mentally strong kaise bane
sakaratmak bane – सकारात्मक सोच की शक्ति से अन्धकार को भी आशा की किरणों से रौशनी में बदला जा सकता है। हमारे विचारों पर हमारा स्वंय का नियंत्रण होता है इसलिए यह हमें ही तय करना होता है कि हमें सकारात्मक सोचना है या नकारात्मक । यकीन मानिये सकारात्मक सोच आपके जीवन को और भी बेहतर करने में आपकी मदद करेंगें।
sakaratmak soch रखने वाले लोगों को दूसरे लोगों के मुकाबले कम मुश्किलों का सामना करना होता है। ऐसा इस लिए की sakaratmak soch वाले लोग मुश्किलों से भागने के बजाय उनसे मुकाबला करने में ज्यादा जोर देते है इस लिए उनकी समस्या उसी समय समाप्त हो जाती है और भविष्य में उनको इसका लाभ मिलता है। इस लिए मनुष्य को हमेसा सकारात्मक बनें – Be Positive रहना चाहिए।
हमारे मस्तिष्क का हर विचार एक बीज की तरह होता है
मनुष्य का जीवन हमेसा नई – नई चुनौतियों से घिरा होता है हमारे मस्तिष्क के पास दो तरह के बीज ( विचार ) होते है सकारात्मक विचार (Positive) एंव नकारात्मक विचार (Negative Thoughts) जो आगे भविष्य में जाकर हमारे दृष्टिकोण एंव व्यवहार रुपी पेड़ का निर्धारण करतें है। और यह बात भी सच्ची है कि, हम जैसा सोचते है वैसा बन जाते है इसलिए कहा जाता है कि जैसे हमारे विचार होते है वैसा ही हमारा आचरण भी हो जाता है।
यह पूरी तरह हम पर निर्भर करता है कि हम अपने मस्तिष्क रुपी जमीन पर कैसा बीज बोते हैं। हमारी थोड़ी सी चेतना एंव सावधानी का उपयोग कर हम sakaratmak vichar के बीज को बो कर कांटेदार पेड़ को महकते फूलों के पेड़ में बदल सकते है।
Sakaratmak kaise bane – सकारात्मक कैसे बने

सकारात्मक विचार के लिए प्रसिद्ध डेविड की कहानी
बाइबिल की एक कहानी काफी प्रसिद्ध है। एक गाँव में गोलियथ नाम का एक ऱाक्षस था। उससे हर व्यक्ति डरता था एंव परेशान था। एक दिन डेविड नाम का भेंङ चराने वाला लड़का उसी गाँव में आया जहाँ लोग राक्षस के आतंक से डरे हुये थे।
जब डेविड को उस ऱाक्षस के बारे में पता चला तब, डेविड ने गावं के लोगों से कहा कि आप लोग इस राक्षस से लङते क्यों नही हो
तब गांव के लोगों ने कहा – “वो इतना बङा है कि उसे मारा नही जा सकता”
डेविड ने कहा – आप सही कह रहे है कि वह राक्षस बहुत बड़ा है । लेकिन बात ये नही है कि बड़ा होने के कारण उसे मारा नही जा सकता, बल्कि हकीकत तो ये है कि वह इतना बड़ा है कि उस पर लगाया हुवा निशाना कभी चूक ही नही सकता।
फिर डेविड ने उस राक्षस को अपने गुलेल से मार दिया । राक्षस तो वही था, लेकिन डेविड की सोच सकारात्मक थी।
यह पूरी तरह आप पर निर्भर होता है कि आपको कौन से विचार रखने हैं, Positive or Negative
आपने कभी चश्मा तो जरूर ही पहना होगा क्या आपने कभी विचार किया है, जिस तरह काले रंग का चश्मा पहनने पर हमें सब कुछ काला और लाल रंग का चश्मा पहनने पर हमें सब कुछ लाल ही दिखाई देता है उसी प्रकार नेगेटिव सोच से हमें अपने चारों ओर निराशा, दुःख और असंतोष ही दिखाई देगा और पॉजिटिव सोच से हमें आशा, खुशियाँ, संतोष, प्रेम और प्रेरणा ही नजर आएगा।
यह पूरी तरह हम पर और केवल हम पर निर्भर करता है कि हम सकारात्मक चश्मे से इसदुनिया को देखते हैं या नकारात्मक चश्मे से,अगर हमने सकारात्मकता का चश्मा पहना है तो हमें हर व्यक्ति अच्छा लगेगा और हम प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई खूबी ढूँढ ही लेंगे लेकिन अगर हमने नकारात्मकता का चश्मा पहना है तो हम बुराइयाँ खोजने वाले बन जाएंगे। और हमेसा जलन पर निराशा से भरे रहेंगे।
नकारात्मक विचारो को छोड़ कर सकारात्मकता की ओर कैसे आएँ
किसी भी मनुष्य के जीवन में सकारात्मकता की पहली शुरुआत आशा और विश्वास से होती है। किसी जगह पर चारों ओर अंधकार है और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा और यदि वहां पर अगर हम एक छोटा सा दीप जला देंगे तो उस दीप में इतनी शक्ति होती है कि वह छोटा सा दीप चारों ओर फैले अँधेरे को एक पल में दूर कर देता है। इसी तरह आशा की एक किरण सारे नकारात्मक विचारों को एक पल में मिटा सकती है।
यह बात हमेसा याद रखिये नकारात्मकता को नकारात्मकता कभी भी समाप्त नहीं कर सकती, यदि आप अपने अंदर की नकारात्मकता को समाप्त करना चाहते है तो केवल सकारात्मकता ही समाप्त कर सकती है। इसीलिए जब भी कोई छोटा सा नकारात्मक विचार आपके मन में आये उसे उसी पल उसे सकारात्मक विचार में बदल देना चाहिए।
आप के विचार आप के आने वाले भविष्य को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं। आप के विचारों में बहुत अधिक शक्ति होती है। अपने सकारात्मक विचारों के सही तरीके से उपयोग कर आप अपने भविष्य को अपने अनुसार किसी भी दिशा में मोड़ सकते हो।
जिस दिन आप अपने सकारात्मक विचारों को सही तरीके से नियंत्रित कर लेंगें उस दिन आप अपने अंदर दिव्य प्रकाश की अनुभूति करोगे। इस लिए हमेसा सकारात्म सोच रखिये ताकि आप का जीवन उत्कृष्ट बन सके और आप इस नकारात्मकता नामक दोष से हमेसा अपनी और अपने आस पास के लोगो की rakcha कर पाएँ और आंनद से भरा जीवन बिता सकें।
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