New Education Policy : नई शिक्षा नीति क्या है इसका उद्देश्य लाभ और विशेषताएं !

National Education Policy 2023: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी इसरो के प्रमुख डॉक्टर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता के दौरान शुरुआत की गई। यह नीति भारत की परंपराओं और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बनायी गयी है। भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। जिसका लक्ष्य देश को विश्व स्तरीय (world class) और कौशल आधारित (skill based) शिक्षा प्रदान करना है।

तो दोस्तों आज हम आपको अपने usefulgyan.com के इस लेख के माध्यम इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जैसे उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं, पात्रता एवं अन्य सुविधाएं। अगर आप भी National Education Policy 2023 से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप से अनुरोध है कि हमारे इस लेख को विस्तार से पूरा पढ़ें।

New Education Policy – नई शिक्षा नीति क्या है

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नई नीति तैयार की जाती है और भारत की सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 को आरंभ कर दिया है जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं National Education Policy के अंतर्गत भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।

New Education Policy : नई शिक्षा नीति क्या है इसका उद्देश्य लाभ और विशेषताएं !

और अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जी आर के साथ पूर्व विद्यालय माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा 

पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फूलों किया जाएगा। और यह National Education Policy 2014 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र भी शामिल किया था।

नई शिक्षा नीति का उद्देश्य क्या है?

New Education Policy जानने के साथ-साथ हमें उसके उद्देश्य जानने चाहिए। New Education Policy in Hindi में नई शिक्षा नीति के उद्देश्य इस प्रकार हैंः

  • बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
  • एजुकेशन को फ्लेक्सिबल बनाना
  • बच्चों को अनुशासन सिखाना और सशक्तिकरण करना
  • एजुकेशन पाॅलिसी को पारदर्शी बनाना
  • इवैलुएशन पर जोर देना
  • ओपन एजुकेशन सिस्टम में इन्वेस्ट करना
  • बच्चों की सोच को क्रिएटिव करना
  • गुणवत्तापूर्ण एजुकेशन डेवलप करना
  • रिसर्च पर ज्यादा ध्यान देना
  • एक साथ कई लैंग्वेज पर फोकस रखना।

देश की नई शिक्षा नीति यानी न्यू एजुकेशन पॉलिसी से जुड़ी कुछ बेसिक बातें जानते हैं –

उच्च शिक्षा हेतु उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ कुछ प्रविष्ठियां और निकास विंदु निर्धारित होंगे।

ग्रेजुएशन कोर्स 3 या 4 वर्ष का हो सकता है जिसमें बहुत से एग्जिट विकल्प होंगे। यह उचित सर्टिफिकेशन के साथ होंगे जैसे कि अगर विद्यार्थी ने 1 वर्ष ग्रेजुएशन कोर्स में शिक्षा ली है तो उसे इसके लिए सर्टिफिकेट मिलेगा।इसके अतिरिक्त 2 साल बाद एडवांस डिप्लोमा तथा 3 साल बाद डिग्री प्रदान की जाएगी। साथ ही 4 साल के पश्चात रिसर्च के साथ बैचलर डिग्री प्रदान की जाएगी।

न्यू नेशनल एजुकेशन पॉलिसी यानी NEP स्कूल में बच्चे के एडमिशन से लेकर कॉलेज की एजुकेशन कम्प्लीट करने तक के प्रोसेस में बहुत से पॉजिटिव और प्रोग्रेसिव चेंजेस लेकर आयी है।

इस पॉलिसी के तहत अब एचआरडी (ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट) मिनिस्ट्री का नाम बदलकर मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन कर दिया गया है।

इस न्यू एजुकेशन पॉलिसी में GDP का 6% हिस्सा एजुकेशन सेक्टर पर खर्च करने का टारगेट रखा गया है।फ़िलहाल 4.43% बजट ही एजुकेशन पर खर्च किया जाता है।

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को गठित किया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों द्वारा अर्जित किए गए डिजिटल अकैडमी क्रेडिट को विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों के द्वारा संग्रहित किया जाएगा इसे अंतिम डिग्री के लिए स्थानांतरित किया जाएगा और इसको गिना भी जाएगा।

पाठ्य पुस्तकों पर निर्भरता को कम करते हुए, इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य ई-लर्निंग पर जोर देना भी है।

उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी सामान्य प्रवेश परीक्षा की पेशकश करेगी।

2030 तक, हर जिले में कम से कम एक बड़ा बहु-अनुशासनात्मक उच्च शिक्षा संस्थान बनाया जाएगा।

इस नई शिक्षा नीति में 2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को बहु-विषयक संस्थान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग समग्र उच्च शिक्षा के लिए एकमात्र निकाय होगा। (चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर)

भारत के उच्च शिक्षा आयोग में चार वर्टिकल होंगे जो राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामक परिषद, सामान्य शिक्षा परिषद, उच्च शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद होंगे।

 शिक्षा नीति के तहत, सरकारी और निजी शिक्षा समान होगी और विकलांग लोगों के लिए शिक्षा बदली जाएगी।

एजुकेशन का पैटर्न

इस न्यू एजुकेशनपॉलिसी के लागू होने के बाद स्कूल एजुकेशन का पैटर्न कैसा हो जाएगा? आइये, इसे समझते हैं –
इस पॉलिसी के आने के बाद स्कूल एजुकेशन का पैटर्न पूरी तरह बदल जाएगा। अभी तक स्कूल एजुकेशन 10+2पर बेस्ड थी लेकिन अब इस नए सिस्टम में एजुकेशन को 5 +3+3 +4 स्टेजेस में बांट दिया गया है –

आइये, इन स्टेजेस के बारे में जानते हैं –
STAGE 1

फंडामेंटल स्टेज – इस स्टेज में स्कूल के पहले 5 साल आते हैं जिनमें से शुरुआती 3 साल बच्चे आँगनवाड़ी,बालवाड़ी या प्री – स्कूल में पढ़ेंगे।

इस दौरान उनकी एज 3 से 6 साल तक होगी और अगले 2 साल में बच्चे फर्स्ट और सेकंड क्लास की पढ़ाई करेंगे।

इन क्लासेस में पढ़ने वाले बच्चों की एज 6 से 8 साल होगी। ये एजुकेशन एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग होगी जिसमें बच्चों में खेल के जरिये नयी स्किल्स डवलप की जायेंगी।

इस स्टेज पर एक बड़ा चेंज ये देखने को मिलेगा कि अभी मौजूद पैटर्न में आंगनवाड़ी या प्री – स्कूल में बच्चे 2 साल रहते हैंजबकि नए पैटर्न में ये ड्यूरेशन 3 साल हो जायेगी।

STAGE 2
प्रिपरेटरी स्टेज – इस स्टेज में स्कूल एजुकेशन के 3 साल आएंगे जिनमें बच्चा तीसरी से पांचवी क्लास तक पढ़ेगा और इस दौरान उसकी उम्र 8 से 11 साल तक होगी।

इस स्टेज पर बुक्स पर ज्यादा जोर देने की बजाए बच्चों को इंटेरेक्टिव लर्निंग और एक्टिविटी बेस्ड एजुकेशन दी जाएगी।

STAGE 3
मिडिल स्टेज – ये स्टेज भी 3 साल की होगी जिसमें स्टूडेंट क्लास 6th से 8th तक की पढ़ाई करेगा और इस दौरान उसकी एज 11 से 14 साल होगी। इन क्लासेस में स्टूडेंट को मैथ्स, साइंस, आर्ट्स, सोशल साइंस और ह्यूमैनिटी की एजुकेशन दी जाएगी

जो एक्सपेरिमेंट बेस्ड लर्निंग होगी यानी स्टूडेंट्स को बुक्स रटकर एग्जाम पास करने की बजाए एक्सपेरिमेंट्स करके खुद सीखने का मौका मिलेगा।

क्लास 6thकी एजुकेशन में इंटर्नशिप भी शामिल होगी। फॉर एग्जाम्पल – 6th क्लास का स्टूडेंट कंप्यूटर कोडिंग सीख सकेगा।

STAGE 4
सेकेंडरी स्टेज – 4 साल की इस स्टेज में क्लास 9th से क्लास 12th तक को रखा गया है। इस दौरान स्टूडेंट की एज 14 से 18 साल रहेगी। इन क्लासेस में स्टूडेंट्स पर बेस्ट परफॉरमेंस का जो प्रेशर रहता आया है,वो इस नयी पॉलिसी में काफी कम हो जाएगा क्योंकि इस पॉलिसी के जरिये स्टूडेंट्स को मल्टी-डिसिप्लिनरी स्टडी का चांस मिल पाएगा

जिसके जरिये स्टूडेंट्स अपने पसंद के सब्जेक्ट्स चुन पाएंगे और अपने इंटरेस्ट के सब्जेक्ट्स को फ्लेक्सिबल स्टडी पैटर्न की मदद से पढ़ पाएंगे।यानी अगर स्टूडेंट साइंस के साथ म्यूजिक की स्टडी भी करना चाहते हैं तो वो साइंस के साथ म्यूजिक सब्जेक्ट भी ले सकते हैं। इस तरह हर स्ट्रीम में से अपने फेवरेट सब्जेक्ट्स को पढ़ना पॉसिबल हो जाएगा।

इस तरह अब आपको न्यू एजुकेशन पॉलिसी का ये 5+3+3+4 पैटर्न समझ आ ही गया हो – 5 इयर्स की फंडामेंटल स्टेज,3 इयर्स की प्रिपरेटरी स्टेज,3 इयर्स की मिडिल स्टेज और 4 इयर्स की सेकंडरी स्टेज।

ECCE फ्रेमवर्क भी स्कूल एजुकेशन में हुए चेंजेस से रिलेटेड है इसलिए इसके बारे में भी जान लीजिये –

ECCE का फुल फॉर्म है –‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’, इसमें बच्चों को एजुकेशन देने के साथ उनकी केयर भी की जाएगी जिसके लिए टीचर्स को स्पेशल ट्रेनिंग मिलेगी। इस फ्रेमवर्क के अनुसार 3 से 8 साल के बच्चों को दो कैटेगरी में बांटा गया है – फर्स्ट कैटेगरी में 3 से 6 साल तक के बच्चे होंगे जो ECCE के तहत एजुकेशन लेंगे और इसके बाद 8 साल के होने तक बच्चे प्राइमरी में पढ़ेंगे जो इस फ्रेमवर्क की सेकंड कैटेगरी होगी।

इस न्यू पॉलिसी में और भी बहुत से बड़े चेंजेस हुए हैं जैसे –

=> क्लास 10thऔर 12th के बोर्ड एक्साम्स पैटर्न में बदलाव किया जायेगाजिससे स्टूडेंट को रटकर एग्जाम देने के लिए कोचिंग्स के प्रेशर में नहीं पड़ना होगा। अब इन एक्साम्स का पैटर्न ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टिव में बदला जायेगा

ताकि स्टूडेंट्स की नॉलेज का टेस्ट लिया जा सकेऔर उनके लिए बोर्ड एक्साम्स इजी हो सकें। ये एक्साम्स न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के बाद साल में 2 बार होंगे। बोर्ड एक्साम्स के लिए एक नया नेशनल असेसमेंट सेंटर ‘परख’ भी स्थापित किया जाएगा।

=> कम से कम क्लास 5th तक के बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा में हो सकेगी।

=> इस पॉलिसी के अनुसार स्कूल एजुकेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,डिजाइन थिंकिंग,होलिस्टिक हेल्थ जैसे कंटेम्पररी सब्जेक्ट्स भी इंक्लूड किये जाएंगे और ट्रेडिशनल इंडियन वैल्यूज और कॉन्स्टिट्यूशनल वैल्यूज की जानकारी देने वाले कॉन्टेंट को भी करिकुलम में शामिल किया जाएगा।

=> अब स्टूडेंट्स स्कूल और कॉलेज में संस्कृत भाषा को एक ऑप्शन के तौर पर चुन सकेंगे।

=> कई फॉरेन लैंग्वेजेस को भी सेकंडरी एजुकेशन लेवल पर एक ऑप्शन के रुप में चुना जा सकेगा।

=> इंडियन साइन लैंग्वेज को स्टैंडराइज्ड किया जाएगा।

आइये, अब ये जानते हैं कि हायर एजुकेशन के लिए न्यू एजुकेशन पॉलिसी क्या चेंजेस लेकर आयी है –

  • इस नयी पॉलिसी में साल 2035 तक हायर एजुकेशन ग्रॉस एनरोलमेंट रेश्यो को 50% तक पहुँचाने का टारगेट रखा गया है।
  • कॉलेजेस में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का ऑप्शन दिया जाएगा। ये ऑप्शन स्टूडेंट्स के लिए बहुत बेनेफिशियल साबित हो सकेगा।

इसे इस तरह समझिये –
अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज 3 से 4 साल के होते हैं। अभी तक के एजुकेशनल सिस्टम के अनुसार, अगर आप किसी भी रीजन से कोर्स की पूरी पढ़ाई नहीं कर पाए और आपको कोर्स के पहले या दूसरे साल में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो आपके लिए उसकी वैल्यू जीरो हो जाती है लेकिन इस नयी पॉलिसी की मदद से आप अपनी पढ़ाई को वैल्यू दिला पाएंगे क्योंकि अगर इस 3 – 4 साल के कोर्स में आप पहले साल पर पढ़ाई छोड़ते हैं तो आपको सर्टिफिकेट मिलेगा,2 साल तक ही पढ़ पाते है तो डिप्लोमा मिलेगा,3 साल पर ग्रैजुएशन की डिग्री और 4 साल पूरे करने पर रिसर्च बेस्ड ग्रेजुएशन मानी जाएगी।

  • · देश के टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस में अब से इंजीनियरिंग के साथ – साथ आर्ट्स और ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट्स पर भी जोर दिया जाएगा।
  • · देश के सभी इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट होगा। ये टेस्ट ऑप्शनल होगा।
  • · स्टूडेंट्स अब रीजनल लैंग्वेजेस में भी ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे। फिलहाल ज्यादातर कोर्सेज इंग्लिश और हिंदी लैंग्वेज में ही अवेलेबल होते हैं।
  • · एक नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक (NAC-Bank) बनाया जाएगा जिसमें रिकग्नाइज्ड हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के एकेडमिक क्रेडिट्स जमा होंगे। ये प्रोसेस ऑटोमैटिक होगा और स्टूडेंट्स के क्रेडिट्स उनके अकाउंट में पहुँच जाएंगे। इन क्रेडिट्स का इस्तेमाल स्टूडेंट किसी भी एकेडमिक प्रोग्राम के लिए कर सकेंगे।
  • · लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर, बाकी सभी हायर एजुकेशन के लिए हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया (HECI) बनाया जाएगा जो यूजीसी की जगह लेगा।
  • · एनसीटीई,एनसीईआरटी की मदद से टीचर्स ट्रेनिंग के लिए एक नया नेशनल करिकुलम स्ट्रक्चर तैयार करेगा। इस नयी पॉलिसी के अनुसार अब पढ़ाने के लिए मिनिमम क्वालिफिकेशन 4 साल का इंटिग्रेटेड बीएड डिग्री कोर्स होगा।

हमारे देश की एजुकेशन को इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड तक पहुंचाने के लिए अब टॉप ग्लोबल रैंकिंग रखने वाली यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेस को भारत में अपनी ब्रांच खोलने की परमिशन भी दी जाएगी।

National Education Policy के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाएं

  • विद्यालयों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि मिड-डे-मील की गुणवत्ता ठीक हो जिससे कि बच्चे को लंचबॉक्स ना लाना पड़े और विद्यालयों में पानी की सुविधा ठीक तरीके से उपलब्ध होनी चाहिए जिससे कि बच्चे को वाटर का बोतल भी लाना ना पड़े इन सभी सुविधाओं की वजह से स्कूल के बैग का साइज छोटा हो जाएगा।
  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों के होमवर्क पर भी ध्यान दिया जाएगा इसके अंतर्गत दूसरी कक्षा तक के बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाएगा क्योंकि पहली और दूसरी कक्षा के छात्र बहुत छोटे होते हैं और उन्हें इतनी देर तक बैठने की आदत नहीं होती है।
  • कक्षा तीसरी चौथी और पांचवी के बच्चों को प्रत्येक हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का होमवर्क लिया जाएगा कक्षा छठी से लेकर आठवीं के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा और 9वीं से 12वीं क्लास के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा।

National Education Policy 2023 के विशेषताएं

  • मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा।
  • National Education Policy के तहत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं की गई है।
  • पहले दसवीं और बारहवीं का पैटर्न को फॉलो किया जाता था परंतु अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा जिससे कि 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी।
  • छठी कक्षा से व्यवसायिक परीक्षण इंटर्नशिप आरंभ कर दी जाएगी।
  • पांचवी कक्षा तक शिक्षा मात्रिभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दिया जाएगा।
  • पहले साइंस कॉमर्स तथा आर्ट स्ट्रीम होती थी लेकिन अब ऐसी कोई भी एसडीम नहीं होगी छात्र अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते हैं छात्र फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का कोई भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं।
  • छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाया जाएगा।
  • सभी स्कूल डिजिटल इक्विटी किए जाएंगे।
  • सभी प्रकार के इन कांटेक्ट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट किया जाएगा।
  • वर्चुअल लैब डिवेलप की जाएगी।

National Education Policy के लाभ

  • नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए जीडीपी का 6% हिस्सा खर्च किया जाएगा।
  • पढ़ाई में संस्कृत और भारत की अन्य प्राचीन भाषाएं पढ़ने का ऑप्शन भी रखा जाएगा छात्र अगर चाहे तो या भाषाएं पढ़ सकते हैं।
  • बोर्ड परीक्षाओं में भी बदलाव किया जाएगा ऐसा हो सकता है कि साल में दो बार छात्रों के ऊपर से बोझ कम करने के लिए बोर्ड परीक्षा ली जाए।
  • पढाई को आसान बनाने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का इस्तमाल ही किया जाएगा।
  • हायर एजुकेशन से एमफिल की डिग्री को खत्म किया जा रहा है।
  • एक्स्ट्रा सर्कुलर एक्टिविटीज को मैन सिविलिस में रखा जाएगा।
  • छात्रों को चीन भाषा सिखाई जाएगी जो कि राज्य अपने स्तर पर निर्धारित करेंगे।
  • राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी।
  • इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कई सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे कि आप पॉलिसी सुचारू रूप से चल पाए।
  • नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान रखा जाएगा।
  • नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके कौशल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • नई शिक्षा नीति के तहत यदि कोई छात्र कोई कोर्स बीच में छोड़कर दूसरे कोर्स में दाखिला लेना चाहता है तो पहले कोर्स की निश्चित समय तक ब्रेक ले सकता है और दूसरा कोर्स ज्वाइन कर सकता है।

अब आपके पास न्यू एजुकेशन पॉलिसी NEP 2020 से जुड़ी सभी खास जानकारियां आ गयी हैं और ये माना जा रहा है कि ये पॉलिसी बहुत जल्द, आने वाले सालों में हमारे एजुकेशन सिस्टम पर लागू भी हो जायेगी।

हम उम्मीद करते हैं कि ये पॉलिसी जल्द से जल्द लागू हो सकेगी और इससे मिलने वाले बेनिफिट्स हमारे एजुकेशन सिस्टम को बहुत ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। usefulgyan.com ये उम्मीद करता है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी, नए एजुकेशन सिस्टम के प्रति अपडेट कर पायी होगी और आपके लिए बहुत हेल्पफुल भी साबित होगी।

आगे भी ऐसी ही इनोवेटिव और इंटरेस्टिंग जानकारियां लेने के लिए हमारी website usefulgyan.com को विजिट करे ताकि हर नयी और इनोवेटिव जानकारी सबसे पहले आप तक पहुचें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular