Tuesday, May 30, 2023

कुतुब मीनार | Qutub minar in hindi

Qutub minar in hindi क़ुतुब मीनार की लम्बाई, क़ुतुब मीनार किसने बनवाया और क़ुतुब मीनार से बख्तियार काकी का संबंध, इन सब के बारे में आपको इस लेख में संछिप्त जानकरी प्राप्त होगी।

Qutub Minar भारत में दिल्ली शहर के महरौली में ईंट से बनी, विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। दिल्ली को भारत का दिल कहा जाता है, यहाँ पर कई प्राचीन इमारते और धरोहर स्थित है। इन पुरानी और खास इमारतों में से एक इमारत दिल्ली में स्थित है जिसका नाम  Qutub Minar है, जो भारत और विश्व की सबसे ऊँची मीनार है।

क़ुतुब मीनार भारत का सबसे खास और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। क़ुतुब मीनार दिल्ली के दक्षिण इलाक़े में महरौली में स्थित है। यह इमारत हिंदू-मुग़ल इतिहास का एक बहुत खास हिस्सा है। कुतुब मीनार को यूनेस्को द्वारा भारत के सबसे पुराने वैश्विक धरोहरों की सूचि में भी शामिल किया गया है। इस पोस्ट में हम क़ुतुब मीनार की जानकारी और कुछ खास और दिलचस्प बातों के बारे में जानेंगें।

Qutub minar in hindi

Qutub Minar का नाम दिल्ली के सुल्तान रहे, कुतुब-उद-दिन ऐबक के नाम पर रखा गया है । क्योंकि उन्ही ने 1199 AD में Qutub Minar का निर्माण शुरू किया था उस समय कुतुब-उद-दिन दिल्ली की सल्तनत के संस्थापक थे। उनके बाद में उत्तराधिकारी और पोते इल्तुमिश ने कुतुब मीनार में तीन मंजिलों का निर्माण और करवाया था जिससे कुतुब मीनार की ऊंचाई पहले से और बढ़ गई।

Qutub minar in hindi
Qutub minar in hindi

क़ुतुब मीनार को बनाने वाले इंसान का नाम बख्तियार काकी था जो कि एक सूफी संत था। बताया जाता है कि मीनार का नक्शा तुर्की की भारत में आने से पहले ही बनवाया गया था। लेकिन सबसे अजीब बात तो ये है कि अब तक क़ुतुब मीनार के बारे में भारत के इतिहास में कुछ भी दस्तावेज नहीं मिले हैं। बताया जाता है कि इस मीनार को राजपूत मीनार से प्रेरणा लेकर बनवाया गया था।

Qutub Minar पर पारसी-अरेबिक और नागरी भाषाओँ में इसके इतिहास के बारे में कुछ अंश दिखाई देते हैं। लेकिन क़ुतुब मीनार के इतिहास को लेकर जो भी जानकारी हैं वो फ़िरोज़ शाह तुगलक (1351-89) और सिकंदर लोदी (1489-1517) से प्राप्त हुई है।

आपको बता दें कि कुतुब मीनार के उत्तर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद भी स्थापित है। कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माण भी क़ुतुब-उद-दिन ऐबक ने 1192 में करवाया था। यह मस्जिद भारतीय उपमहाद्वीप की काफी पुरानी मस्जिद भी बताई जाती है। इस मस्जिद का निर्माण करवाने के बाद फिर इल्तुमिश (1210-35) और अला-उद-दिन ख़िलजी ने इस मस्जिद का विकास करवाया

जब 1368 ईस्वी में बिजली गिरने की वजह से क़ुतुब मीनार का ऊपरी भाग टूट गया था लेकिन बाद में फ़िरोज़ शाह इसका फिर से निर्माण करवाया। इसका पुनर्निर्माण करवाने के साथ ही फिरोज शाह ने सफेद मार्बल से दो और मंजिलो को बनवाया। लेकिन इसके बाद 1505 में एक बड़े भूकम्प आने की वजह से क़ुतुब मीनार को भारी नुकसान हुआ और भूकंप में जो भी क्षति हुई थी उसकी मरम्मत सिकंदर लोधी ने करवाई।

लेकिन यह सिलसिला यहीं तक नहीं रुका इसके बाद 1 अगस्त 1903 को भी एक बड़ा भूकंप आया और एक बार फिर क़ुतुब मीनार को फिर से बड़ी क्षति पहुंची। लेकिन साल 1928 में ब्रिटिश इंडियन आर्मी के मेजर रोबर्ट स्मिथ ने इसकी मरम्मत करवाई इसके साथ ही उन्होंने क़ुतुब मीनार के ऊपर एक गुम्बद भी बनवा दिया, लेकिन बाद में पाकिस्तान गवर्नल जनरल लार्ड हार्डिंग ने इस गुम्बद को हटवा दिया था और उसे क़ुतुब मीनार के पूर्व में स्थापित करवा दिया।

कुतुब मीनार किसने बनवाया (Who built qutub minar)

क़ुतुब मीनार का निर्माण कुतुब-उद-दिन ऐबक बनवाया ने 1199 AD में करवाया था। लेकिन क़ुतुब मीनार को बनाने में मुख्य भूमिका बख्तियार काकी की थी। क़ुतुब मीनार को बनाने वाले इंसान का नाम बख्तियार काकी था जो कि एक सूफी संत था।

कुतुब मीनार की लम्बाई (Qutub minar height)

Qutub Minar दुनिया की सबसे बड़ी ईटों की दीवार है क़ुतुब मीनार की लम्बाई 72.5 मीटर है। और यदि qutub minar height in feet की बात करें तो यह 47 feet का है।  मोहाली की फतह बुर्ज के बाद भारत की सबसे बड़ी मीनार में क़ुतुब मीनार का नाम आता है। क़ुतुब मीनार के आस-पास परिसर क़ुतुब काम्प्लेक्स है जो कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट भी है।

कुतुब मीनार का दूसरा नाम क्या है?

क्या आपको कुतुब मीनार का दूसरा नाम पता है यदि नहीं तो चलिए हम आपको बता देते है। आज हम जी ईमारत को क़ुतुब मीनार के नाम से जानते है उसे इसके शुरुवाती समय में ” विजय मीनार” के नाम से पुकारा जाता था। बाद में इसका नाम कुतुब मीनार पड़ा।

क़ुतुब मीनार की  सबसे दिलचस्प बातें

qutub minar information क़ुतुब मीनार की सबसे खास बात यह है कि यहाँ परिसर में एक लोहे खंभा लगा हुआ है जिसको लगभग 2000 साल हो गए हैं लेकिन अब तक इसमें जंग नहीं लगी है। लोहे के खम्भे में इतने सालों तक जंग न लगना अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।

बता दें कि क़ुतुब मीनार भले ही भारत की सबसे बड़ी इमारत है लेकिन यह बिलकुल सीधी नहीं है यह थोड़ी सी झुकी हुई है। जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि इस इमारत का मरम्मत का काम कई बार हुआ है।

Qutub Minar दुनिया की सबसे ऊँची इमारत होने के साथ ही ईंटों से बनी दुनिया की सबसे ऊँची इमारत भी है।

Qutub Minar की इमारत के अंदर गोलाकार 379 सीढ़ियाँ हैं जो की पूरी इमारत की उंचाई तक है।

Qutub Minar के इतिहास के बारे में बात करें तो शिलालेख मीनार में अरबी और नागरी लिपि में शिलालेख हैं। जो इसके इतिहास के बारे में बताते हैं।

जब फिरोज शाह तुगलक के शासन में भूकंप के बाद क़ुतुब मीनार क्षतिग्रस्त हो गई थी तो इसके बाद फिरोज शाह ने इसकी मरम्मत करवाई। लेकिन इसके बाद में 1505 फिर से भूकंप की वजह से मीनार टूट गई थी जिसकी मरम्मत सिकंदर लोदी ने ने करवाई।

Qutub Minar का असली नाम विष्णु स्तंभ बाताया जाता है, इसके साथ इसके सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक कहा गया है।

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कुतुब मीनार से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

Q.  कुतुब मीनार क्यों बनाया गया था।
Ans: यह नमाज़ अदा करने की पुकार लगाने के लिए बनाई गई थी।

Q.  कुतुब मीनार कहाँ है ?
Ans: क़ुतुब मीनार दिल्ली के दक्षिण इलाक़े में महरौली में स्थित है।

Q.  कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां हैं ?
Ans: इसमें 379 सीढियाँ हैं।

Q.  कुतुबमीनार कितने बजे तक खुलता है?
Ans: सुबह छह बजे से लेकर शाम 6 बजे तक

Q.  कुतुब मीनार किस दिन बंद रहता है?
Ans: कुतुब मीनार किस दिन बंद नहीं रहा है यह सप्ताह के सातों दिन खुला रहा है।

Q.  कुतुब मीनार टिकट प्राइस ?
Ans: कुतुब मीनार में प्रवेश शुल्क भारतीय के लिए 30 रु. और विदेशी सैलानियों के लिए 500 रु. शुल्क है।

Q.  मेट्रो स्टेशन से कुतुब मीनार कैसे जाए?
Ans: दिल्ली मेट्रो: कुतुब मीनार के लिए एक येलो लाइन मेट्रो लें और कुतुब मीनार परिसर के लिए एक ऑटो रिक्शा लें।

इस लेख में अपने Qutub Minar के बारे में जानकारी प्राप्त की कुतुबमीनार एक विश्व धरोहर है जिसे देखने देश विदेश ले लोगों का ताता बंधा रहता है। मुझे उम्मीद है आपको यह जनकारी Qutub Minar in Hindi पसंद आई होगी। 

 

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