सार्क का मुख्यालय कहां है – saarc ka mukhyalay kahan hai

सार्क का मुख्यालय कहां है क्या आपको पता है यदि नहीं तो, इस पोस्ट में आप सार्क का मुख्यालय कहां है, सार्क क्या है, सार्क में कितने देश हैं और सार्क संघठन से जुडी और भी जानकारी प्राप्त करने वाले है।

सार्क का मुख्यालय कहां है
सार्क का मुख्यालय कहां है

सार्क (दक्षिणी एशिया स्थायी संगठन) को 7 दक्षिणी एशिया स्थायी देशों ने मिलकर 1985 में बनाया था।

जो आज के समय में भी कार्यरत है, सार्क की मुख्य वार्षिक सम्मेलनों में सदस्य देशों के नेताओं का आमंत्रण होता है जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है और योजनाओं का निर्णय लिया जाता है।

सार्क का मुख्यालय कहां है

सार्क (दक्षिणी एशिया स्थायी संगठन) का मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में स्थित है। सार्क की पहली बैठक 8 दिसंबर 1985 को काठमांडू, नेपाल में हुई थी।

इसमें सार्क के सदस्य देशों के नेताओं ने मिलकर सार्क की स्थापना की और संगठन की मानदंडों, कार्यक्रमों और ढांचे का संकल्प लिया था। यह बैठक सार्क की उदघाटना बैठक के रूप में भी जानी जाती है।

सार्क क्या है

सार्क (दक्षिणी एशिया स्थायी संगठन) एक क्षेत्रीय सहयोग संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग, विकास और समृद्धि को प्रोत्साहित करना है। इसकी स्थापना 8 दिसंबर 1985 को हुई थी।

सार्क में कितने देश हैं

सार्क में कुल 8 देश शामिल है। सार्क के सदस्य देश अफगानिस्तान, बांगलादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं।

यह संगठन विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर सहमति और सहयोग को प्रोत्साहित करने, व्यापार, पर्यटन, परिवहन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विरासत आदि क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए कार्य करता है।

सार्क की जरूरत क्यों पड़ी

सार्क की जरूरत पड़ी क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच सहयोग, विकास और समृद्धि को प्रोत्साहित करना है। ये सदस्य देश विभिन्न चुनौतियां और मुद्दों के सामने खड़े होते हैं, जैसे की आर्थिक विकास, सामरिक सुरक्षा, यातायात सुविधाएं, पर्यावरणीय मुद्दे आदि।

सार्क में क्षेत्रीय सहयोग की मजबूती से इस प्रकार की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से समाधान ढूंढा जा सकता है।

सार्क के माध्यम से सदस्य देश आपस में सम्बंध बढ़ाते हैं, सहयोग को बढ़ाते हैं और क्षेत्रीय विकास और वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं।

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