spiritual quotes in hindi:- अध्यात्म अपने आप में इस दुनिया का सबसे बड़ा पाठ है जिसे एक महान अध्यापक ही पढ़ा सकता है।पिछले कुछ वर्षों से लोगों के मन में अध्यात्म के प्रति रूचि बढ़ रही है, क्यूंकि भौतिक सुख सुविधाएँ भी मनुष्य को वो ख़ुशी नहीं दे पा रही हैं जिनकी उन्होंने कल्पना की थी।
हर कोई यह जानने को बेचैन है कि अध्यात्म आखिर क्या है? और मानव जीवन को उसके गौरवपूर्ण लक्ष्य तक पहुंचाने में में यह किस तरह मददगार हो सकता है? हम अपनी समस्याओं से कैसे पार पा सकते हैं? और कैसे बाहरी घटनाओं से अप्रभावित रहते हुए एक शाश्वत सुखदायक जीवन बिता सकते हैं?
हमारे जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है? और कैसे इसे हासिल किया जा सकता है। अध्यात्म के स्वरुप और इसकी महत्ता पर संसार के अनेकों महापुरुषों, लेखकों और दार्शनिकों ने गहन विचार किया है और उनकी इसी जिज्ञासा का परिणाम हैं ये अनमोल विचार जो निश्चय ही अनेकों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित करेंगे।
अध्यात्म क्या है?
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार आध्यात्मिकता, पुनर्रचना की एक धार्मिक प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य मनुष्य की मौलिकता को पुनः प्राप्त करना है. मध्यकाल के अनुसार, इसमें जीवन के मानसिक पहलू शामिल हैं. और आधुनिक युग के अनुसार, यह शब्द धार्मिक परंपराओं से लेकर विभिन्न परंपराओं सहित कई तरह के अनुभवों की यात्रा करता है. इस आध्यात्मिकता में आध्यात्मिक अभ्यास और विश्वास शामिल हैं.
आध्यात्मिक प्रथाओं और अनुशासन में प्रार्थना, ध्यान, जप, श्वास अभ्यास और अन्य अनुष्ठान शामिल हैं. यह आपको पहले खुद पर ध्यान केंद्रित करने और प्राथमिकता देना सिखाता है. और सबसे महत्वपूर्ण प्यार और सभी का सम्मान करना.
आध्यात्मिक होना स्वयं और दूसरों से प्रेम करने की एक अवस्था है. एक आध्यात्मिक व्यक्ति सभी से प्यार करता है, दूसरों की भावनाओं और भावनाओं की परवाह करता है. एक व्यक्ति जो आध्यात्मिकता में सन्निहित है, वह एक दयालु व्यक्ति है, जो प्यार में विश्वास करता है. आध्यात्मिकता से प्रेरित व्यक्ति जीवन में शांति और उद्देश्य की भावना रखता है.
आइए एक-दूसरे से जुड़ें और Spiritual Thoughs को विकसित करके इन Spiritual Quotes In Hindi को साझा करें जो आपके जीवन को उज्ज्वल करेंगे.
spiritual quotes in hindi
संसार को छोड़ने से परमात्मा नहीं मिलता परंतु परमात्मा के मिलने से दुनिया अपने आप छूट जाती है
बहुत से लोग भूखे हैं इसका मतलब यह नहीं कि भोजन की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव के दिलों में प्यार और देखभाल की कमी है। – सध्गुरु
याद रखें! महान प्रेम और महान उपलब्धियों में महान जोखिम भी उठाने पड़ते हैं.- दलाई लामा
आध्यात्मिकता का अर्थ है भक्ति आप जिस कार्य को जिस भी समय पर पूर्ण कर रहे हैं पूर्ण मन से कीजिए यह भी अध्यात्म का ही हिस्सा है।
जब व्यक्ति समाज से जुड़ी वस्तु को पाने का लोभ छोड़ कर समाज की भलाई के बारे में सोचना शुरू कर लेता है,तब वह अध्यात्म को प्राप्त कर लेता है।
ईश्वर कल्पना नहीं अपितु समस्त संसार उन्ही के कारण संभव हो सका है।
एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से ना ही ऊपर है न ही नीचे है अपितु बराबर है।
अकेले निवास करना महान आत्माओं का सौभाग्य है।”
“ईश्वर हम मे से हर एक को ऐसे प्यार करता है जैसे केवल हमारा ही अस्तित्व हो।
कोई व्यक्ति चाहें कितनी भी चीज़े जान ले,चाहें वो इस संसार का ज्ञान जान ले। परन्तु यह स्वम् को नहीं जनता तो वह अज्ञानी है। – ओशो
अभीष्ट फल की प्राप्ति हो या न हो,विद्वान पुरुष उसके लिए शोक नहीं करता। – महर्षि वेदव्यास
अध्यात्मक जीवन पूर्ण निस्वार्थता है।
मैंने सब कुछ देखने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं. – पॉल गौगुइन
सत्संग एक महान महिमा है – वह दुखो को हरता है, पापों को काटता है और जीवन को सुधारता है.
ईश्वर पर भय के कारण विशवास मत कीजिए,अपितु विशवास कीजिए ताकि आपको किसी चीज़ का भय न हो।
आप आपके चारों और चल रहे कुकर्मों को नहीं ठीक कर सकते, परन्तु आप खुद सुकर्म कर सब ठीक कर सकते हैं।
आपके जीवन में रिश्ते बनेंगे रिश्ते टूटेंगे परन्तु एक रिश्ता है,जो बना रहेगा और वह है ईश्वर से आपका रिश्ता।
अपनी अंतर आत्मा की प्रसन्नता सदैव सुकर्मों में निहित होती है।
सज्जनों की संगति में आने पर कुछ समय पश्चात ही दुर्जनों में भी सज्जनता आ ही जाती है.
अध्यात्मक विचारों के आभाव में व्यक्ति गुमराह हो जाता है ||
ईश्वर का नाम सभी लेते है,परन्तु ईश्वर का नाम लेने भर से ईश्वर को पाया नहीं जा सकता||
“ईश्वर को आसमान में मत खोजो,उसे अपने अन्दर देखो।”~ -ओशो
“प्रार्थना तब होती है जब आप परमात्मा से बात करतें हैं, ध्यान तब होता है जब आप इश्वर को सुनते हैं।”
जिस प्रकार वृक्ष फल आने पर नीचे झुक जाता है उसी प्रकार सज्जत व्यक्ति धन और ज्ञान आने पर और विनम्र हो जाते हैं।
हज़ारों शब्दों से बढ़कर केवल एक ऐसा शब्द जो शांति लाये वो श्रेष्ठ है। – गौतम बुद्ध
ईश्वर का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है,हर कोई सही दिशा में उचित प्रयास करके देव तत्व प्राप्त कर सकता है। भगवान महावीर
आध्यात्मिकता का मतलब यह नहीं की आप आँखें बंद करके बैठे रहें, बल्कि सत्कर्म करना ही आध्यात्मिकता है.
तृप्ति कभी भी सब कुछ पा कर नहीं मिलती अपितु सब कुछ त्याग कर मिलती है।
“ईश्वर को समझना आसन हैं, जब तक की आप उसकी व्याख्या करने की कोशिश न करें।”
ईश्वर भक्ति में अमीर- गरीब का कोई महत्त्व नहीं है।
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जीत के लिए संघर्ष की प्रेरणा देते सुविचार
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