सुभद्रा कुमारी चौहान: जीवन परिचय, रचनाएँ, भाषा शैली और साहित्यिक परिचय

Subhadra kumari chauhan ka jivan parichay:- कवित्री सुभद्राकुमारी चौहान ने झाँसी की रानी पर कविता, “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी” लिखकर अमर हो गयीं। आज हम सुभद्राकुमारी चौहान के बारे में आपको संछिप्त जानकारी देंगे और साथ ही Subhadra kumari chauhan ka jivan parichay, रचनाएँ, काव्यगत विशेषताएँ, भाषा शैली एवं साहित्य में स्थान के मुख्य बिंदु आपके समक्ष रखेंगे। तो चलिए जानते है कवित्री सुभद्राकुमारी चौहान के बारे में जानते है।

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को याद करते हुए अनेकों बार ये पंक्तियां पढ़ी गयीं। कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी इस कविता में देश की उस वीरांगना के लिए ओज, करूण, स्मृति और श्रद्धा है।

इसी एक कविता से उन्हें हिंदी कविता जगत में प्रसिद्धि मिली और वह साहित्य में अमर हो गयीं, सुभद्रा कुमारी चौहान ने पहली कविता नौ वर्ष की अल्पायु में लिखी थी। ‘नीम’ शीर्षक वह कविता उस समय इलाहाबाद की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘मर्यादा’ में प्रकाशित हुई थी। उनकी सबसे लोकप्रिय कविताओं में से एक “झांसी की रानी”  है। जो रानी लक्ष्मी बाई के जीवन का वर्णन करने वाली कविता है।

सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय हिंदी में

सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1904 में प्रयाग की निहालपुर नामक बस्ती में नाग पंचमी वाले दिन हुआ। आपके पिता का नाम ठाकुर रामनाथ सिंह था,जो अत्यन्त साहित्य-प्रेमी थे। सुभद्रा जी ने बाल्यकाल से ही कविता रचना प्रारम्भ कर दी थी। आपकी पढ़ाई प्रयाग के क्रास्थवेस्ट नामक स्कूल में हुई।

subhadra kumari chauhan
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आपके पति का नाम लक्ष्मणसिंह था, जो मध्य प्रदेश में ‘खण्डवा’ के निवासी थे। आपने भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया तथा अनेक बार जेल में रहीं। वह नागपुर में गिरफ्तार होने वाली पहली महिला सत्याग्रही थीं और 1923 और 1942 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के कारण उन्हें दो बार जेल भी हुई थी। 1948 में सिवनी के पास एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।

सुभद्रा कुमारी चौहान की रचनाएँ

  • नक्षत्र,
  • झाँसी की रानी,
  • चित्रधारा,
  • सीधे सादे चित्र,
  • उन्मादिनी।

तीजन बाई

सुभद्रा कुमारी चौहान की काव्यगत विशेषताएँ pdf

सुभद्रा कुमारी चौहान के भाव पक्ष और कला पक्ष पर प्रकाश डालिए।

भाव पक्ष :-

सुभद्रा कुमारी चौहान की काव्यगत विशेषताएं:- वे वीर रस की कवयित्री हैं। उनकी देश-प्रेम से सम्बन्धित कविताओं में वीर रस की निर्झरिणी प्रवाहित है। सूर की तरह आपने भी वात्सल्य-रस का मार्मिक तथा हृदयस्पर्शी वर्णन किया है।

शौर्य,तेज एवं वीरता का आपके काव्य में संगम देखने को मिलता है। दाम्पत्य जीवन का भी साकार चित्रण है। साहस तथा बलिदान की भावना भी मुखरित है। राष्ट्रीय जागरण का अलख भी ध्वनित है। सात्विक अनुभूतियों का सफल चित्रण भी द्रष्टव्य है। पारिवारिक जीवन के माधुर्य भाव का भी अंकन है।

सुभद्रा कुमारी चौहान का भाव पक्ष:- सुभद्राकुमारी चौहान का काव्य देश-प्रेम तथा राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत है।

वीर रस की प्रधानता- सुभद्रा कुमारी चौहान की कविताओं में वीर रस और देशभक्ति का प्रधानता है। इनकी कविताओं में उत्साह और ओज प्रकट होता है।

 देशभक्ति- इनकी कविताएँ राष्ट्रीय चेतना, देशप्रेम, और बलिदान की भावना प्रकट करती हैं।

अनुभूतिपरकता- इनकी कविता में मुक्त अनुभूतियों का सहजता से प्रयोग हुआ है। इसके अलावा नारी सुलभ मातृभाव की अनुभूति भी दिखाई देती है।

कला पक्ष :-

सुभद्रा कुमारी चौहान की भाषा शैली

आपकी भाषा शुद्ध खड़ी बोली है। ओज उनकी भाषा का प्रधान गुण है। संस्कृत भाषा के शब्दों का प्रयोग भी देखने को मिलता है। भाषा में कोमलता, सरसता एवं सजीवता है।

आपकी शैली ओज तथा प्रवाह के गुण से सम्पन्न है। ये नारियों को सतीत्व एवं बलिदान की प्रेरणा देने वाली है। राष्ट्रीय भावनाओं का जागरण,जीवन की अनुभूतियों का सफल अंकन तथा जीवन की नैसर्गिक अभिव्यक्ति आपकी कविता के विशेष गुण हैं। निराशा को कविता में कोई स्थान नहीं है। सर्वत्र आशा का नाद मुखरित है।

रचनाएँ सरस हैं तथा मनोवैज्ञानिक धरातल पर प्रतिपादित हैं। हास्य, करुण, रौद्र तथा शृंगार रस का सफल चित्रण देखते ही बनता है। कविता के सौन्दर्य को निखारने के लिए दृष्टान्त, उल्लेख,उत्प्रेक्षा तथा अनुप्रास अलंकारों का प्रयोग दर्शनीय है।

Subhadra kumari chauhan साहित्य में स्थान

आप साहित्य के क्षेत्र में नारी जाति के गौरव का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं। आपकी देश-प्रेम की कविताएँ नौजवानों को साहस तथा बलिदान की प्रेरणा देने वाली हैं। आप राष्ट्रीय कवयित्री के गौरव से गौरवान्वित हैं। आपकी कविताओं को पढ़कर आनन्द की अनुभूति होती है। प्रकृति के उद्दीपन रूप का चित्रण मनोहारी है। भावुकता, वात्सल्य तथा ओजगुण से ओत-प्रोत आपकी कविताएँ साहित्य जगत को अनुपम भेंट हैं। वे साहित्य-निधि को भरने में अपूर्व योगदान देने वाली हैं।

FAQ,s

सुभद्रा कुमारी चौहान से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब।

प्रश्न:- सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का क्या नाम था
उत्तर:- सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम लक्ष्मणसिंह था

प्रश्न:- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म कब हुआ था
उत्तर:- सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म सन् 1904 में प्रयाग की निहालपुर नामक बस्ती में नाग पंचमी वाले दिन हुआ।

प्रश्न:- सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता कौन सी है।
उत्तर:- “खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी” सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता है।

प्रश्न:- सुभद्रा कुमारी चौहान की मृत्यु कैसे हुई
उत्तर:- 1948 में सिवनी के पास एक कार दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी।

प्रश्न:- सुभद्रा कुमारी चौहान और महादेवी वर्मा किस स्कूल में एक साथ पढ़ती थी
उत्तर:- क्रास्थवेस्ट नामक स्कूल में सुभद्रा कुमारी चौहान और महादेवी वर्मा एक साथ पढ़ती थी।

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