अतः हमारे शरीर के सभी अंगों में भी ऊर्जा है। जिस प्रकार ब्रम्हांड के अलग अलग ग्रहों की ऊर्जा अलग अलग होती है उसी प्रकार हमारे शरीर में भी अलग अलग भागों की ऊर्जा अलग अलग होती है। आज हम मन में उत्पन हुए Thought की ऊर्जा के बारे में बात करेंगे।
देखिए Thought में बहुत अधिक Power होती है। ये हमारे Thought ही हैं जो हमें किसी के प्रति हमारा नजरिया तय करने में सहायता करते हैं। Thoughts को बड़ी सावधानी से चुनना चाहिए। क्यू की ये आप के भविष्य का निर्धारण करते है की वो कैसा होगा। और कहावत भी है कि जैसा आप सोचते हैं वैसा आप बन जाते हैं।
यदि आप के विचार सकारात्मक हैं, तो आप के जीवन में दुःख बहुत कम समय के लिए रुक पायेगा। और आप कठिनाई का सामना बहुत सरलता व साहस के साथ कर पायेंगे। विचारो में इतनी शक्ति होती है की आप को वो सब कुछ मिल सकता है, जो आप पाना चाहते हैं। इस के लिए आप को अपने विचारों की शक्ति को सकारत्मक रूप से बढ़ाना पड़ेगा।और आप कैसे सकारात्मक बने इस पर फोकस करना होगा
अब सवाल यह है की ऐसा क्या करें की हमारे विचारों की शक्ति को बढ़ाया जा सकें। देखिये इस के लिए आप को अपने मन में आने वाले विचारो को बड़ी सावधानी से चुनना होगा। केवल अच्छे विचारों को ही चुनिए बुरे विचरों को मन में आने से रोक दें। अब आप कहेंगे की विचारो को कैसे पहचाने को कौन सा विचार अच्छा है और कौन बुरा।
देखिए सकारात्मक विचारों के चयन में शुरू में तो आप को कठिनाई होगी लेकिन थोड़ा प्रयास करने पर धीरे धीरे आप को यह करना सरल लगने लगेगा। जो विचार मन में घ्रणा , लालच ,पाप, नकारात्मकता और दुःख का अनुभव करते हैं वो बुरे विचार होते हैं।
और जो विचार मन को आनंदित करते है , सकारात्मकता की वृद्धि करते है , प्रेम का अनुभव कराते हैं वे अच्छे विचार होते हैं। सही विचारों का चयन कर आप विचारों की शक्ति का उपयोग अपनी उन्नति के लिए कर सकते हैं।